भाजपा के कई मंत्री समेत सौ सांसदों का कट सकता है टिकट, स्थिति सुधारने के लिए छह महीने का समय
नई दिल्ली : भाजपा के विभिन्न राज्यों के संगठन मंत्रियों ने मौजूदा सांसदों के कामकाज और जनता में लोकप्रियता की कसौटी पर आंकड़ा तैयार किया है। इन सभी को स्थिति बेहतर करने के लिए छह माह का समय दिया जाएगा, साथ ही वैकल्पिक उम्मीदवार की तलाश भी की जाएगी। वहीँ उत्तर प्रदेश के सांसदों का रिपोर्ट कार्ड सबसे खराब है। भाजपा के लगभग सौ सांसदों पर लोकसभा का टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है। इनमें डेढ़ दर्जन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। केंद्र सरकार के चार साल पूरा होते ही भाजपा में हर लोकसभा सीट की समीक्षा व तैयारी का काम शुरू कर दिया गया है। संघ व संगठन के फीडबैक, निजी एजेंसियों के सर्वे और नमो एप से हर क्षेत्र व हर सांसद की जानकारी जुटाई जा रही है। हाल में सूरजकुंड में भाजपा के सभी राज्यों के संगठन मंत्रियों की बैठक में अनौपचारिक विचार-विमर्श में भाजपा के 104 लोकसभा सांसदों की स्थिति को कमजोर माना गया है। सांसद के कामकाज व जनता की राय को इसमें प्रमुख आधार माना गया है। उत्तर प्रदेश से आने वाले चार केंद्रीय मंत्रियों समेत 19 सांसद शामिल हैं। इसके बाद राजस्थान का नंबर आता है। बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक में सांसदों के प्रति भी नाराजगी सामने आई है। यूपी और बिहार में अभी विपक्षी गठबंधन को लेकर विचार नहीं किया गया है। अभी केवल सांसद की स्थिति पर ही राय तैयार की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नमो एप पर सांसदों के कामकाज पर जनता से सीधे प्रतिक्रिया ले रहे हैं। जनता से सांसदों के कामकाज के साथ उसकी लोकप्रियता, क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय नेता की जानकारी जुटाई जा रही है। इसका आकलन संसद के मानसून सत्र के पहले किया जाएगा। सत्र के दौरान संसदीय दल की बैठक में और अलग से मुलाकात कर भी प्रधानमंत्री सांसदों को उनकी स्थिति से अवगत करा देंगे। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा है कि जिन सांसदों का रिपोर्ट कार्ड खराब है, उनको छह महीने का आखिरी समय दिया जाएगा। इस दौरान उस क्षेत्र में वैकल्पिक उम्मीदवार का नाम भी तय किया जाएगा। पार्टी जनवरी में हर क्षेत्र के लिए उम्मीदवार तय करेगी। इस बीच दो सर्वे कराए जाएंगे।