भारतीय परम्परा की पोषक थी कवयित्री सुषमापाल : ओमधीरज
वाराणसी। बुद्धिजीवी घुमक्कड मंच के तत्वावधान में अपने समय की वरिष्ठ कवयित्री डा. सुषमा पाल का 73 वाॅं जन्मदिवस सोमवार को बाल शिक्षा सदन अर्दली बाजार कचहरी रोड पर मनाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ कवयित्री डा. रचना शर्मा को सुषमा पाल सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि अपर आयुक्त ( प्रशासन ) एवं नवगीतकार ओम प्रकाश चैबे ‘‘ओम धीरज ’’ ने कहा कि ‘‘ स्त्री विमर्श में भारतीय परम्परा की पोषक थी कवयित्री सुषमा पाल। उन्होने अपने गीतों में मानवीय दर्द को पिरोया था।’’ साहित्कार एवं शिक्षाविद् डा. राम सुधार सिंह ने कहा कि – ‘‘ सुषमा पाल एक ऐसी रचनाकार थी जिन्होने अपने गीतों में सामाजिक पीडाओं को उकेरा था। उनकी अपनी एक अलग रचना शैली थी।’’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डा. जितेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि – ‘‘ सुषमा पाल ने जटिल जीवन संघर्षो का सामना करते हुए जीवन पर्यंत जिस तरह रचनाशील रही, वह रचनाकारों की दृष्टी से अनुकरणीय है।’’