अन्तर्राष्ट्रीय

भारत की दो टूक- ‘दोष मढ़ने की जगह अपना घर संभाले नेपाल’

nepal-384-1-560cdf698467d_exlstनई दिल्ली (9 अक्टूबर) :नेपाल के बार-बार भारत पर आर्थिक नाकेबंदी के आरोप लगाने पर नई दिल्ली ने कड़ा पलटवार किया है। भारत ने नेपाल को इन मामलों में दोष मढ़ने के बदले अपना घर संभालने की नसीहत दी है।

भारत ने वहां हो रहे आंदोलन और आर्थिक नाकेबंदी में अपनी भूमिका से साफ इंकार करते हुए इसके लिए नेपाल को जिम्मेदार ठहराया। भारत ने कहा कि संविधान में सभी वर्गों और इलाकों को समान तौर पर समाहित न किए जाने के कारण नेपाल में उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं।

इस क्रम में भारत ने नेपाल को संविधान में सभी वर्गों की समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आंदोलनकारियों से वार्ता कर समस्या का हल निकालने की नसीहत दी। आर्थिक नाकेबंदी के नेपाल के आरोपों पर पलटवार करते हुए भारत ने कहा कि नेपाल जाने के 9 प्रवेश द्वार पर अब भी 5375 ट्रक हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं।

नेपाल न तो भारत की ओर से जा रहे ट्रकों को सुरक्षा दे पा रहा है, बल्कि नेपाल की सेना और पुलिस भी भारतीय ट्रकों और नागरिकों पर हो रहे हमलों के कुछ मामलों में शामिल रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने आर्थिक नाकेबंदी और मधेसी आंदोलन को समर्थन करने संबंधी नेपाल के आरोपों का तीखा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने न तो कभी नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया है और न ही उसका ऐसा करने का इरादा ही है।

उन्होंने कहा कि समस्या की जड़ संविधान है। संविधान पारित होने के बाद नेपाल के कई वर्ग और इलाके के लोग पर्याप्त भागीदारी न मिलने के कारण आंदोलनरत हैं। यह नेपाल की जिम्मेदारी है कि वह इसका राजनीतिक हल निकाले।
आंदोलनकारियों को भारत की ओर से दी जा रही मदद संबंधी आरोपों को सभी सिरे से खारिज करते हुए प्रवक्ता ने कहा कि पड़ोसी होने के नाते नेपाल में शांति और स्थिरता भारत की जरूरत है। अराजकता, अशांति जैसी स्थिति का खामियाजा नेपाल की तरह ही भारत को भी भुगतना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि आर्थिक नाकेबंदी के कारण भले ही नेपाल में परेशानी हो रही हो, मगर इस कारण भारत को भी व्यापक व्यापार घाटा उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह समस्या नेपाल का आंतरिक मामला होने के साथ-साथ राजनीतिक भी है। इसलिए नेपाल को दोष देने के बदले सभी पक्षों से बातचीत कर इसका राजनीतिक समाधान निकालना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि नेपाल ने बीते दिनों आर्थिक नाकेबंदी और आंदोलन मामले में भारत के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया था। इसके अलावा नेपाल ने आर्थिक नाकेबंदी खत्म न होने पर चीन से नजदीकी बढ़ाने की भी धमकी दी थी।

 
 
 

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