अन्तर्राष्ट्रीय

भारत के नहीं बल्कि दुनिया के वैज्ञानिक थे कलाम

kalam_chinaबीजिंग: पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की चीन की 2 यादगार यात्राओं और उनमें छात्रों के साथ उनके संवाद को याद करते हुए चीन के शिक्षक समुदाय ने आज भारत के मिसाइल मैन को श्रद्धांजलि दी और कहा कि वह केवल भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक थे। पेकिंग यूनीवर्सिटी में सेंटर फॉर साउथ एशियन स्टडीज के प्रमुख प्रोफेसर जियांग जिंगकुई ने कहा कि कलाम के निधन से हम बहुत बहुत दुखी हैं। हम उन्हें हमेशा अश्रुपूरित नेत्रों से याद करेंगे। इस केंद्र ने कलाम को अतिथि प्रोफेसर के तौर पर सम्मानित किया था। कलाम का कल 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रमुख जियांग ने कहा कि वह केवल भारत के नहीं बल्कि पूरी दुनिया के भी वैज्ञानिक हैं। चीन की जनता उन्हें लंबे समय तक याद रखेगी। कलाम ने 2 बार चीन की यात्रा की थी। पहली बार वह 2012 में चीन आये थे और बाद में चीनी सरकार के निमंत्रण पर 2014 में आए थे। चीन में छात्रों को संबोधित करते हुए कलाम ने चीन-भारतीय संयुक्त अंतरिक्ष साझेदारी की वकालत की थी। विकास की चुनौतियों पर कलाम ने कहा था कि चीनी और भारतीय विश्वविद्यालयों को विकास की थीम पर अनुसंधान करने चाहिए। कलाम ने पहली चीनी यात्रा के दौरान 2012 में सरकारी सीसीटीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत अंततोगत्वा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनेगा क्योंकि एक अरब से अधिक आबादी वाले देश को नीति निर्माण की प्रक्रिया से दूर रखना अलोकतांत्रिक होगा।

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