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भारत के लिए जंगी जहाज बनाएगी स्वीडिश कंपनी साब

भारतीय वायु सेना के लिए एकल इंजन वाले लड़ाकू जेट का ठेका हासिल करने के लिए स्वीडिश कंपनी साब ने भारत में इसका निर्माण हब बनाने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी ने कहा है कि यदि उसे यह ठेका मिल जाता है तो वह दुनिया के अत्याधुनिक जेट बनाने वाली सुविधाओं से लैस बहुउद्देश्यीय जेट निर्माण का कारखाना लगाएगी। साब के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि कंपनी ने पहले ही कारखाना लगाने का खाका तैयार कर लिया है। उसमें वह भारत और अन्य देशों के लिए ग्रिपेन ई जेट का निर्माण करेगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए उसके डिजाइन, उन्नत बनाने और सुधार के लिए अलग व्यवस्था होगी। 

सरकार ने वायु सेना के लिए एकल इंजन वाले जंगी जहाज का बेड़ा तैयार करने के लिए जानकारी देने का आवेदन भेज दिया है। यह करार हासिल करने के लिए अमेरिकी दिग्गज कंपनी लॉकहीड मार्टिन से साब को कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ेगी। लॉकहीड मार्टिन ने भी जंगी जहाज एफ-16 के भारत में निर्माण का प्रस्ताव दिया है। 

तकनीकी हस्तांतरण में नहीं आएगी दिक्कतग्रिपेन के सेल्स एवं मार्केटिंग निदेशक केंटएके मोलिन ने बताया है कि भारतीय वायुसेना के लिए ग्रिपेन ई सर्वश्रेष्ठ बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है। उन्होंने कहा कि साब ने भारत में बनने वाले निर्माण हब का जो खाका तैयार किया है वह दुनिया का सबसे अत्याधुनिक सुविधा से लैस होगा और इसका मुख्य आकर्षण होगा टेक्नोलॉजी का हस्तांतरण।  साब भारतीय नौसेना के लिए ग्रिपेन का समुद्री प्रारूप वाले जंगी जहाज की आपूर्ति भी करना चाहता है, जो एयरक्राफ्ट कैरियर से भी उड़ान भर सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या तकनीकी हस्तांतरण में दिक्कत आएगी, क्योंकि ग्रिपेन जेट के कुछ पुर्जे अमेरिकी कंपनियों द्वारा बनाए जाते हैं और खासकर तब जबकि वहां डोनाल्ड ट्रम्प का शासन है। इस पर मोलिन ने कहा कि चिंता का कोई कारण नहीं है, सारे मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे।

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