भारत को अंतरिक्ष में बड़ी कामयाबी, अब 7 सितंबर को चांद की सतह पर लैंडिंग की तैयारी
भारत ने अपने चंद्रमा मिशन में बेहद अहम और मुश्किल पड़ाव पार कर लिया है। मंगलवार सुबह को चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश कर गया। 7 सितंबर को चंद्रयान-2 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। इसके साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चंद्रमा की सतह पर रोवर पहुंचाने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि ‘लूनर ऑर्बिट इंसर्शन’ प्रक्रिया सुबह 9 बजकर 2 मिनट पर पूरी हुई। यान को चांद की कक्षा में स्थापित होने में 1,738 सेकंड लगे। अब यान को चांद की सतह से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर चंद्र ध्रुवों के ऊपर गुजर रही इसकी अंतिम कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार और कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। इसके बाद लैंडर ‘विक्रम’ 2 सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा।
चांद की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ कराने की प्रक्रिया शुरू करने से पहले लैंडर संबंधी दो कक्षीय प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। अगली कक्षीय प्रक्रिया बुधवार दोपहर 12.30 से 1.30 बजे के बीच शुरू की जाएगी। इसरो ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को लांच किया था।
बेहद मुश्किल थी प्रक्रिया
वैज्ञानिकों के मुताबिक, चंद्रयान-2 को एक निश्चित गति से चांद की कक्षा में प्रवेश करना था। अगर उसकी रफ्तार तेज होती तो वह कक्षा से बाहर चला जाता और गहरे अंतरिक्ष में खो जाता। वहीं, अगर रफ्तार कम होती तो चांद का गुरुत्वाकर्षण बल चंद्रयान-2 को अपनी कक्षा में खींच लेता और वह सतह से टकरा सकता था।
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं पहुंचा है कोई देश
चंद्रयान-2 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा, जहां अब तक कोई देश नहीं पहुंच सका है। चंद्रयान-2 से चांद के अनसुलझे रहस्य जानने में मदद मिलेगी। यह ऐसी नई खोज होगी, जिसका भारत और पूरी मानवता को लाभ मिलेगा। इसरो के मुताबिक, चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव रोचक जगह है, जहां उत्तरी ध्रुव के विपरीत अंधकार छाया रहता है।
आधे घंटे तक थमी रहीं धड़कनें : इसरो प्रमुख
इसरो प्रमुख के सिवन ने कहा, वैज्ञानिकों ने जब चंद्रयान-2 को चांद के इर्द-गिर्द एक कक्षा में प्रवेश कराने के लिए उसके तरल इंजन को फायर करना शुरू किया, तब करीब 30 मिनट तक हमारी धड़कने बढ़ गई थीं। अब सॉफ्ट लैंडिंग कराने की प्रक्रिया के दौरान स्थिति काफी अलग होगी क्योंकि इसरो ने ऐसा पहले कभी नहीं किया। अभी तनाव बढ़ा है, कम नहीं हुआ है।
चांद पर लैंडिंग लाइव देखेंगे मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने चांद की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश करने पर इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दी। अब 7 सितंबर को चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के उतरने के ऐेतिहासिक पल के गवाह खुद मोदी बनेंगे। बताया जा रहा है कि मोदी चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए श्रीहरिकोटा जा सकते हैं।