इसके अलावा एक अन्य रिपोर्ट पर भी प्रतिक्रिया दी गई है जिसमें पाकिस्तान ने ये दावा किया है कि रूस ने भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए एक स्थान (वेन्यू) की व्यवस्था करने का प्रस्ताव दिया है।
सूत्र का कहना है, “मध्यस्थता के लिए ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है, लेकिन अगर आता है तो भारत उसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।” उन्होंने कहा कि भारत का स्थिति से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है, पाकिस्तान को भारत को निशाना बनाने वाले आतंकी समूहों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को रिहा करने से पहले ये दावा किया था कि रूस के विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव ने अपने समकक्ष पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात करते हुए मामले में रूस की मध्यस्थता की पेशकश की और भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए जगह निर्धारित करने के बारे में भी कहा।
अधिकारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्हादिमीर पुतिन के बीच हुई बातचीत को लेकर कहा कि रूस ने सीमा पार आतंकी हमलों के खिलाफ अपने हितों की रक्षा के लिए भारत के प्रयासों के लिए लगातार समर्थन करने की बात कही है।
फ्रांस और जापान जैसे देशों, जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की बात कही है, उन्होंने ये भी कहा है कि पाकिस्तान को आतंकवाद को पनाह देना बंद करना होगा। सरकार का ये मानना है कि चीन को छोड़कर दुनिया की सभी बड़ी ताकतें पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद पर किए गए हवाई हमले का समर्थन कर रही हैं।
भारत अभी चीन को ये समझाने की कोशिशों में लगा हुआ है कि वह आतंकी संगठन जैश के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिंबध लगाने के लिए सहयोग करे। फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने बीते हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 की सैंक्शन कमिटि लिस्ट में अजहर को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव रखा था।