माल्या को भारत प्रत्यर्पण से मिली राहत, बोला- ‘गॉड इज ग्रेट’
भगोड़े भारतीय उद्योगपति विजय माल्या को प्रत्यर्पण मामले में लंदन हाईकोर्ट से मंगलवार को बड़ी राहत मिली। हाईकोर्ट ने माल्या को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी। इस प्रक्रिया में अब दो से तीन महीनों का अतिरिक्त समय लगेगा। जैसे ही कोर्टरूम से उसके पक्ष में फैसला आया वह भगवान का शुक्रिया अदा करने लगा।
माल्या ने ट्वीट किया ‘ईश्वर महान है। न्याय होता है। दो वरिष्ठ न्यायाधीशों के साथ इंग्लैंड उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मेरे आवेदन को मजिस्ट्रेट जजमेंट के खिलाफ और सीबीआई द्वारा आरोपों के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी। मैंने हमेशा कहा कि आरोप झूठे थे।’
उसने दूसरे ट्वीट में सबको पैसे लौटाने की बात भी की। माल्या ने लिखा, ‘आज मेरे लिए अच्छे कोर्ट परिणाम के बावजूद, मैं एक बार फिर से किंगफिशर एयरलाइंस को पैसा देने वाले बैंकों को वापस भुगतान करने के अपने प्रस्ताव को दोहराता हूं। कृपया पैसे ले लो। शेष राशि के साथ, मैं कर्मचारियों और अन्य लेनदारों का भुगतान करना चाहता हूं और जीवन में आगे बढ़ना चाहता हूं।’
माल्या ने तीसरे ट्वीट में लिखा, ‘मेरे लिए किए गए सभी उपहास के बावजूद मैं उन सभी इच्छुक पक्षों का ध्यान इंग्लैंड के संभागीय न्यायपीठ के फैसले पर केंद्रित करने के लिए कहूंगा जो सीबीआई द्वारा मेरे खिलाफ दायर किए गए झूठे इनामी मुकदमे के मूल को चुनौती देने की अनुमति देते हैं।’
9,000 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी में है वांछित
माल्या भारतीय बैंकों के साथ 9,000 करोड़ रुपये के बकाये में धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग करने के आरोप में वांछित है। ब्रिटेन के गृह मंत्री मंत्री साजिद जाविद ने उनको भारतीय अधिकारियों के हवाले किए जाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
रॉयल कोट आफ जस्टिस की दो सदस्यीय पीठ ने प्रत्यर्पण के खिलाफ माल्या की ओर से पेश दलीलों को सुनने के बाद उक्त आदेश दिया। पीठ में न्यायाधीश जार्ज लेगात और न्यायाधीश एंड्रयू पॉपलवेल थे।
हाई कोर्ट की पीठ ने व्यवस्था दी कि 63 वर्षीय किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख को अपील की अनुमति है। पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि माल्या को प्रत्यर्पित किए जाने के बारे में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की जज एम्मा आर्बुथनॉट ने अपने फैसले में जो निष्कर्ष रखे हैं उनमें से कुछ के खिलाफ तर्क दिए जा सकते हैं। इससे पहले माल्या ने कहा कि रॉयल्स कोर्ट आफ जस्टिस में प्रवेश करने के बाद वह काफी सकारात्मक थे।
उच्च न्यायालय में सुनवाई दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग के प्रतिनिधि मौजूद थे। सुनवाई के दौरान माल्या के साथ उसका बेटा सिद्धार्थ और उनके साथ रहने वाली पिंकी लालवानी उपस्थित थीं। उनके वकील क्लेयर मोंटगोमेरी ने अपनी दलील रखते हुए मुख्य मजिस्ट्रेट की व्यवस्था को ‘गलत’ बताया। मामले की सुनवाई अब ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में होगी।