भारत, फ्रांस की कंपनियों के बीच 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के समझौते
भारत और फ्रांस की कंपनियों तथा सरकारी उपक्रमों के बीच शनिवार (10 मार्च) को विमानन, नवीकरणीय ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्रोंमें 13 अरब यूरो (एक लाख करोड़ रुपये से अधिक) मूल्य के समझौते हुए. सस्ती विमान सेवा देने वाली कंपनी स्पाइस जेट ने फ्रांस के सफ्रान समूह के साथ सीएफएम एयरक्राफ्ट इंजनों के लिए 12.5 अरब डॉलर (करीब 81,000 करोड़ रुपये) का समझौता किया. इसके अलावा सीमेंट कंपनी विकैट ने 1,700 करोड़ रुपए से अधिक के दो निवेश समझौतों की घोषणा की. इसके साथ ही अन्य सौदों की भी घोषणा की गई.
भारत- फ्रांस आर्थिक साझेदारी पर हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर यहां फ्रांस के यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री जीन- यवेस ली ड्रियन ने कहा, ‘‘ आज जो समझौते हुए वह हमारे आर्थिक संबंधों की गहराई और विविधता का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन समझौतों का मूल्य करीब 13 अरब यूरो है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने आर्थिक संबंधों में भी विश्वास को उसी स्तर तक ले जाना चाहते हैं जो हमारे राजनीतिक संबंधों में विश्वास का स्तर है.’’
बिजली मंत्री आर. के. सिंह नेइस अवसर पर कहा कि अगले दो- तीन साल में वह अपने मंत्रालयअधीन क्षेत्र में ही 125 अरब डॉलर के निवेश को देख रहे हैं. ‘‘हम अकेले अपने ही क्षेत्र में 1,20,000 मेगावाट अधिक स्थापित करने जा रहे हैं. इस लिहाज से भविष्य की संभावनायें बेहतर हैं.’’ उनके पास नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय का भी प्रभार है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने शनिवार (10 मार्च) को हिंद महासागर क्षेत्र में रक्षा सहयोग बढ़ाने व पूरी सक्रियता के साथ आतंकवाद का मुकाबला करने पर सहमति जताई. दोनों देशों ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भी सहयोग और हाईस्पीड रेलवे समेत 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. वार्ता के बाद मैक्रों के साथ संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हम दोनों सहमत हैं कि भविष्य में हिंद महासागर क्षेत्र दुनिया में शांति व समृद्धि लाने और विकास करने में अहम भूमिका निभाएगा.
संयुक्त रणनीतिक नजरिया जारी कर रहे हैं
पीएम मोदी ने कहा कि चाहे बात पर्यावरण की हो या समुद्री सुरक्षा व संसाधन, नौवहन या ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता की हो हम अपने सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. मोदी ने कहा कि दोनों देश हिंद महासागर क्षेत्र में सहयोग के लिए एक संयुक्त रणनीतिक नजरिया जारी कर रहे हैं. इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्व को देखा जा सकता है.