दरअसल, व्यापारियों का कहना है कि वालमार्ट द्वारा देश के रिटेल व्यापार पर कब्जा जमाने का यह एक जरिया है। इससे पूरे देश के छोटे व्यापारियों का रोजगार खत्म हो जाएगा।
इसके अलावा उनका ये भी कहना है कि एफडीआई को अमल में लाने से देशभर के करोड़ों दुकानदार प्रभावित होंगे, जबकि राज्य और केंद्र सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है। इस विकट परिस्थिति से व्यापारी एकता को निपटना पड़ेगा।
वहीं, आज उत्तर प्रदेश और बिहार सहित देशभर में 24 घंटे के लिए सभी दवा दुकानें बंद रहेंगी। ई-फार्मेसी के विरोध में केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन ने बंद का आह्वान किया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश प्रदेश में दवा की एक लाख से ज्यादा थोक व फुटकर दुकानें हैं। इनका एक दिन का कारोबार करीब 140 करोड़ रुपये है। केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष गिरिराज रस्तोगी ने बताया कि ई-फार्मेसी के विरोध में प्रदेशभर की दवा दुकानें आज बंद रहेंगी।
क्या है दवा दुकानदारों की मांगें
दरअसल, दवा दुकानदारों की मांग है कि दवा व्यवसाय में ई-फार्मेसी का कारोबार बंद किया जाए। साथ ही उनका कहना है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन खुदरा दवा दुकानों के लिए जारी ड्रग लाइसेंस के अनुपात में फार्मासिस्ट की कमी को पूरा करे। इसके अलावा उनकी मांग है कि दवा व्यापारियों पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अफसरों द्वारा किया जा रहा उत्पीड़न बंद हो।
हालांकि इस दौरान राजधानी लखनऊ में कुछ जगहों पर दवा दुकानें खुली रहेंगी, ताकि मरीजों को परेशानी न हो। केजीएमयू परिसर के अंदर वेलफेयर सोसायटी के तहत खुली दुकानें बंद नहीं होगी। इसके अलावा पीजीआई, लोहिया संस्थान समेत नर्सिंग होम में खुली फार्मेसी से भी मरीज आसानी से दवा ले सकेंगे।
वहीं, बिहार में भी सभी दवा दुकानें बंद हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में भी आज एक दिन की हड़ताल की वजह से दवा की सभी निजी दुकानें बंद रहेंगी। हालांकि यहां भी मरीजों की सहूलियत के लिए कुछ अस्पतालों में स्थित दवा दुकानें खुली रहेंगी।