मुंबई: महाराष्ट्र के कई इलाकों में जातीय हिंसा के चलते मंगलवार को दलित नेता और जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद के खिलाफ शिकायत की गई है. पुणे के डेक्कन पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया इन लोगों ने अपने भाषण से जनता को उकसाने का काम किया. जिसके चलते दो समुदायों के बीच झड़प हुई.
महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में 31 दिसंबर को कोरेगांव लड़ाई की 200 वीं वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम रखा गया था. इस कार्यक्रम में जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला, भीम आर्मी अध्यक्ष विनय रतन सिंह और पूर्व सांसद और डॉ. भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर भी शामिल थे.
बताया जाता है कि इस कार्यक्रम के बाद दलित समुदाय के लोग महार जाति के सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए युद्ध स्मारक ‘जय स्तम्भ’ की ओर बढ़ रहे थे. इसी दौरान ग्रामीणों और शौर्य दिवस मनाने पहुंचे लोगों में भिड़ंत हो गई. दरअसल कुछ लोग पहले से ही ब्रिटिश जीत का जश्न मनाने का विरोध कर रहे थे.
बता दें 200 साल पहले 1 जनवरी 1818 में ईस्ट इंडिया कंपनी और पेशवा की सेना के बीच युद्ध हुआ था, जिसमें कंपनी की सेना की जीत हुई थी. कंपनी की ओर से महार रेजिमेंट के दलित सैनिक लड़ रहे थे. इन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए पेशवा की बड़ी फौज को हरा दिया था. इसके बाद से हर साल दलित समुदाय के लोग हर साल उन सैनिकों की बहादुरी का जश्न मनाते हैं जो ईस्ट इंडिया कंपनी की ओर से लड़े थे.