भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुन सकते हैं कांग्रेस से अलग राह, पार्टी में मचा हड़कंप…
रोहतक । लंबे समय से कांग्रेस आलाकमान से प्रदेश पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने गढ़ में आज महा परिवर्तन रैली करेंगे। रैली की स्थल पर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और इसके लिए विशाल पंडाल बनाया गया है। रैली स्थल पर कहीं भी कांग्रेस का झंडा नहीं लगे होने से कयासबाजी तेज हो गई है। समझा जा रहा है कि हुड्डा कांग्रेस से अलग राह अपनाने का ऐलान कर सकते हैं। चर्चा है कि उनकी बीती रात कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई, लेकिन इसमें क्या बात हुई इसका खुलासा नहीं हुआ है.
यहां रैली स्थल पर विशाल पड़ाल बनाया गया है और इसे तिरंगे से रंगा गया है, लेकिन कहीं भी कांग्रेस के झंडे या निशान नहीं लगे हैं। इसे हुड्डा के कांग्रेस से अलग राह पकड़ने का संकेत माना जा रहा है। रैलर स्थल पर गहमागहमी शुरू हो गई है। बड़ा सवाल यह है कि क्या हुड्डा अलग राह चुनेंगे और अपनी अलग पार्टी बनाएंगे। दूसरी ओर, बताया जा रहा है कि हुड्डा अभी दिल्ली में ही हैं और बताया जाता है कि देर रात पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात हुई है। हुड्डा का कहना है कि वह पूरे मामले में रैली में ही बताएंगे।
रैली से पहले सोनयिा गांधी से मुलाकात संभव, अपने गढ़ में आज करेंगे महा परिवर्तन रैली
हुड्डा ने इस रैली को लेकर पूरी ताकत लगा दी है। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान को दबाव में लाने के लिए हुड्डा यह आखिरी पासा माना जा रहा है। हुड्डा के तेवरों से तो साफ लग रहा है रैली में महा परिवर्तन की घोषणा होगी, चाहें पार्टी से बगावत कर अलग राह अपनाएंगे। इसके साथ ही वह सत्ताधारी भाजपा के विजयी रथ को रोकने की कोई खास रणनीति का खुलासा कर सकते हैं। रैली के लिए रोहतक के मेला ग्राउंड में विशाल पंडाल तैयार किया गया है। इससे लगता है कि अच्छी-खासी भीड़ रैली में पहुंचने वाली है। वैसे भी रैली हुड्डा के गढ़ में हो रही है।
पूार माहौल बता रहा है प्रदेश में कांग्रेस नेतृत्व की लड़ाई का आज निर्णायक दिन होगा। हुड्डा ने अपनी रैली मेें पार्टी के प्रतिद्वंद्वी नेताओं को निमंत्रण तक नहीं दिया है। इतना ही नहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को भी इस रैली में नहीं बुलाया गया है। कांग्रेस छोड़ने के बारे में हुड्डा ने अभी तक मुंह नहीं खोला है, लेकिन उनके समर्थक विधायक, पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री पार्टी छोड़ने के साफ संकेत दे रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो हुड्डा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। कई दिन से इस तरह की चर्चाएं जोर पकड़े हुए हैं।
हमेशा साथ रहने वाले विधायक मंच से दिख सकते हैं नदारद
हरियाणा कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की लड़़ाई में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ साए की तरह साथ रहने वाले विधायकों में से कइयों के अब साथ छोडऩे की चर्चा भी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि ये विधायक कांग्रेस छोड़ने के पक्ष में नहीं है, लेकिन हुड्डा समर्थक अधिकतर विधायक कांग्रेस से अलग राह अपनाने का दबाव बनाए हुए हैं। अगर हुड्डा ने कांग्रेस को अलविदा कहने का निर्णय ले लिया है तो उनके साथ नजर आ रहे कई विधायक उनके मंच पर नहीं आएंगे।
दिल्ली से ही परिवर्तन महारैली की तैयारी में जुटे रहे हुड्डा
उधर, हुड्डा लगातार शनिवार देर शाम तक नई दिल्ली में ही डटे रहे। नई दिल्ली के 9 पंत मार्ग स्थित अपने आवास से हुड्डा रैली की तैयारियों के लिए अपने समर्थकों को दिशा निर्देश देते रहे। इस दौरान हुड्डा ने राज्य में अपने नजदीकी नेताओं से मुलाकात भी की। पूरे दिन पूर्व सीएम निवास पर नेताओं की गहमागहमी बनी रही मगर खुद हुड्डा मीडिया से रूबरू नहीं हुए।
प्रदेश कांग्र्रेस की कमान अपने हाथ में नहीं आने के चलते पार्टी छोडऩे की तमाम अटकलों के बीच हुड्डा ने सुबह दस बजे सोशल मीडिया पर रोहतक परिवर्तन महारैली में आने का निमंत्रण का भी पोस्ट किया। इसमें सोनिया गांधी व राहुल गांधी की फोटो लगी हुई है।
हाईकमान के नजदीकी नेता कर रहे हैं हुड्डा की पैरवी
सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, आनंद शर्मा, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस हाईकमान से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की पैरवी कर रहे हैं। ये सूत्र यह भी बता रहे हैं कि अहमद पटेल ने हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस की कमान देने के लिए हाईकमान से बात की हैं। इसके बाद ये खबरें भी हैं कि हुड्डा की देर रात कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात हुई है। बातचीत में क्या हुआ इसका खुलासा नहीं हुआ है।
बता दें, हुड्डा ने हाईकमान की अनदेखी के चलते 9 जून को जब दिल्ली में अपने समर्थकों की निर्णायक बैठक बुलाई थी तो इससे पहले जोधपुर हाउस में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ही हुड्डा को पार्टी नहीं छोडऩे का सुझाव दिया था। इसके बाद से हुड्डा इन नेताओं के संपर्क में हैं। हुड्डा ने 15 अगस्त को कांग्रेस मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वजारोहण कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया था।