तो इस अज्ञातवास के दौरान भूमि से बाहरी दुनिया का संपर्क कैसे होता है? पूछे जाने पर भूमि का जवाब और चौंकाता है, ‘इस दौरान मैं सिर्फ अपने घरवालों के संपर्क में होती हूं। बाहर की दुनिया से कोई मुझे संपर्क नहीं कर सकता। मेरा क्या है कि मैं बहुत ही चंचल स्वभाव की हूं। और जब तक कि मैं अपने किरदार को समझ नहीं लेती, परेशान रहती हूं। इसके लिए जरूरी होता है जीवन से वह सबकुछ हटा देना जिसकी उस किरदार को जीने के लिए जरूरत नहीं है।
सोनचिड़िया में अपने किरदार के लिए भी भूमि ने तमाम तरीके अपनाए हैं। वह बताती हैं, ‘अभिषेक चौबे ने जैसे ही मुझे मेरा किरदार बताया। मैंने तय कर लिया कि मुझे क्या करना होगा। मैंने स्क्रिप्ट ली और खुद को पूरे 30 दिन के लिए अपने घर में कैद कर लिया। पूरा एक महीना मैं थी और बस ये किरदार था। फिर शूटिंग शूरू होने से हफ्ता भर पहले मैं फिल्म की शूटिंग की लोकेशन्स पर पहुंच गई। जब तक बाकी लोग शूटिंग के लिए पहुंचे, तब तक मैं वहां की मिट्टी, हवा, और पानी में घुल चुकी थी।’