अद्धयात्म
भूलकर भी न करें शिवलिंग की ऐसी परिक्रमा, हो सकता है बुरा…

भगवान शिव को भोले नाथ भी कहते हैं ऐसा इसलिए क्योंकि अपने भक्त के थोड़ी से ही कष्ट से इनका मन दुखी हो जाता है और उनकी हर मनोकामना पूरी कर देते है। वहीं अगर नाराज होते हैं तो रूद्र बन जाते हैं। अगर आप भी भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग की पूजा करने के बाद इस तरीके से परिक्रमा लगाते हैं तो सावधान हो जाएं।

अगर आप परिक्रमा के दौरान शिवलिंग के चारों ओर घूम रहे हैं तो आप भी वही गलती कर रहे हैं जिससे भगवान शिव नाराज होते हैं।
शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग की परिक्रमा के दौरान आधी परिक्रमा करें और फिर वापस लौटकर दूसरी परिक्रमा करनी चाहिए।
शिवलिंग के चारों ओर घूमकर परिक्रमा करने से दोष लगता है और व्यक्ति पुण्य के बजाय पाप का भागी बनता है। दरअसल शिवलिंग के नीचे का हिस्सा जहां से शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल बाहर आता है वह पार्वती का भाग माना जाता है। इसलिए आधी परिक्रमा करें फिर वापस लौटकर दूसरी परिक्रमा करनी चाहिए।
शिव पुराण के अनुसार कोई भी शिवलिंग की जल की निकासी यानि कि निर्मली को लांघेगा वह पापी कहलाएगा और उसके भीतर की शक्ति छीन ली जाती है। इसलिए निर्मली तक परिक्रमा करनी चाहिए, यानि की आधी परिक्रमा।