अद्धयात्म
भूलकर भी न देखें सूर्य प्रतिमा का ये हिस्सा, होगा बड़ा कष्ट
हिन्दू धर्म में देवी-देवाताओं की पूजा करने का विशेष महत्व बताया गया हैं।सभी पंचदेवों में सूर्य का विशेष स्थान होता हैं। सूर्य की पूजा करने से सभी तरह की फल प्राप्त होते है इसलिए सुबह-सुबह सूर्य देव को जल चढ़ाने की परम्परा होती है लेकिन भगवान सूर्य देव की आराधना करने के पीछे कुछ खास नियम बताया गया हैं। शास्त्रों के अनुसार कभी भी भगवान सूर्य के पैरों के दर्शन नही करना चाहिए। अगर गलती से भी आपने सूर्य देव की प्रतिमा के पैरों का दर्शन कर लिया तो इसका परिणाम विनाशकारी होता हैं। शास्त्रों में इसके पीछे एक कथा बताई गई हैं
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ये है इसके पीछे का राज
पुराणो के अनुसार सूर्य का विवाह प्रजापति की पुत्री संज्ञा से हुआ था। सूर्य का आभा तेजस्वी होने के कारण उन्हें सामान्य आंखों देख पाना संभव नही होता था। इसी वजह से कुछ दिनो बाद संज्ञा ने अपनी छाया को पति सूर्य देव की सेवा में लगा दिया और अपने पिता के घर चली गई।जब कुछ समय बाद सूर्य को इस बात का आभास हुआ तो उन्होनें तुरंत संज्ञा को अपने पास बुला लिया और जाने का कारण पूछा तब संज्ञा ने सारी बातें सूर्यदेव को बताई।
पुराणो के अनुसार सूर्य का विवाह प्रजापति की पुत्री संज्ञा से हुआ था। सूर्य का आभा तेजस्वी होने के कारण उन्हें सामान्य आंखों देख पाना संभव नही होता था। इसी वजह से कुछ दिनो बाद संज्ञा ने अपनी छाया को पति सूर्य देव की सेवा में लगा दिया और अपने पिता के घर चली गई।जब कुछ समय बाद सूर्य को इस बात का आभास हुआ तो उन्होनें तुरंत संज्ञा को अपने पास बुला लिया और जाने का कारण पूछा तब संज्ञा ने सारी बातें सूर्यदेव को बताई।
इसके बाद सूर्यदेव ने तुरंत देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा बुलाया और निवेदन किया कि मेरे तेज को थोडा कम कर दें तब विश्वकर्मा ने एक चाक बनाया और उसको सूर्य पर चढ़ा दिया। विश्वकर्मा ने सूर्य के सारे शरीर का तेज कम कर दिया लेकिन उनके पैरों का तेज कम न कर सकें। इसी कारण से तबसे उनके पैरों का तेज सहन करना मुश्किल बना हुआ हैं। इसी कारण से हमारे शास्त्रों में सूर्य के चरणों का दर्शन वर्जित माना जाता हैं। जो भी यदि सूर्य की चरणों के दर्शन करता है उसे पापो से मुक्ति नही मिल पाती हैं यही कारण है कभी भी सूर्य की प्रतिमा के चरणों के दर्शन नही करना चाहिए।
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कैसे करेे आराधना
-सुबह-सुबह स्नान करके सबसे पहले सूर्यदेव की पूजा जरुर करना चाहिेए।
– सबसे पहले सूर्य देव को सुबह पूजा-पाठ करने के बाद उनको जल जरुर अर्पित करें क्योंकि सूर्य को जल देने का धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व दोनो है।
– भगवान सूर्य सिंह राशि के स्वामी होते है ऐसी दशा में इनकी महादशा 6 सालो तक होती है इसलिए इनकों प्रसन्न करने के लिए नित्य जल चढ़ाया जाना चाहिए।
– सूर्यदेव की आराधना तो करनी चाहिए ऐसे में अगर भगवान शिव की पूजा की जाए तो अच्छा फल जरुर प्राप्त होता हैं।