अन्तर्राष्ट्रीय

मंगल के रहस्यों से पर्दा हटाएंगे भारत और अमेरिका के यान

grahकेप कैनवेरल (एजेंसी)। मंगल के रहस्यों से पर्दा हटाने के लिए भारत और अमेरिका के एक-एक रोबोट यान अगले माह इस लाल ग्रह के लिए उड़ान भरने वाले हैं। दोनों यान इस बात का पता लगाएंगे कि पृथ्वी से मिलते जुलते सौर मंडल के इस ग्रह का स्वरूप इतना भिन्न क्यों है। किसी दूसरे ग्रह पर जाने वाला भारत का पहला अंतरिक्ष यान मार्स आर्बिटर मिशन श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पांच नवंबर को प्रक्षेपित किया जाएगा। इसे मंगल की कक्षा का चक्कर लगाने और वहां से सम्पर्क स्थापित करके पृथ्वी पर संदेश भेजने की प्रौद्योगिकी के विकास के लिए अहम माना जा रहा है । वर्ष  2००8-०9 के बीच चंद्रमा पर भेजे गये चंद्रयान -प्रथम की सफलता के बाद भारत का यह दूसरा महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष मिशन होगा 1चंद्रयान ने चांद की मिप्ती पर पानी के अणुओं का पता लगाया था । मार्स आर्बिटर मिशन का मंगल के वातावरण में मिथेन का पता लगाने का महत्वाकांक्षी वैज्ञानिक लक्ष्य है। पृथ्वी पर यह रसायन जीवन के लिए जिम्मेदार माना जाता है। मंगल के वातावरण में मिथेन की मौजूदगी का पता लगभग एक दशक पहले लगाया गया था। इसे अजैविक प्रक्रिया से भी पैदा किया जा सकता है ।

 

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