मकर सक्रांति पर भूलकर भी न करें ये काम…वरना साल भर होता रहेगा पैसों का नुकसान
जैसा की आप सभी जानते हैं कि अगले 2 दिनों में ही मकर संक्रांति जैसा महत्वपूर्ण त्योहार आने वाला है जिसकी तैयारियां देशभर में अभी से ही शुरू हो गई है ये हर्षोल्लास भरा त्योहार है। इस त्योहार में बच्चों के साथ साथ बड़ो को भी अानंद आता है। वहीं आपको ये भी पता ही होगा कि ये इस नए साल का पहला त्योहार होगा। बताते चलें की राजस्थान में इस त्योहार को बेहद ही खास तरह से मनाया जाता है राजस्थान में पतंगबाजी भी की जाती है।
सारा शहर पतंग के रंगों में रंगा होता है। वहीं इसके अलावा दक्षिण भारत में इसे पोंगल के नाम से मनाया जाता है। नाम कही जो भी हो पर सारे देश में बहुत हर्षोल्लास से ही मनाया जाता है। इस दिन तिल से तरह तरह के पकवान आदि बनाये जाते है। गुजरात और राजस्थान में इसे उत्तरायण कहा जाता है। गुजरात में मकर संक्रांति के दौरान खास पंतग कॉम्पिटिशन भी होता है। इस साल मकर सक्रांति 15 जनवरी को मनाई जा रही है। मकर सक्रांति के साथ ही खारमास खत्म हो जाएगा।
इसी के साथ शुभ कार्यों की भी शुरुआत हो जाएगी। वहीं, इस साल मकर सक्रांति से ही प्रयागराज में कुंभ मेले की भी शुरुआत हो जाएगी। लेकिन आपको बता दें कि इस दिन कुछ कार्य है जिन्हें करने को शास्त्रों में मना किया गया है क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति के उपर कई परेशानियां आ जाती है अगर आप उन परेशानियों से बचना चाहते हैं तो इन काम को भूल से भी न करें।
1. सबसे पहले तो आपको बता दें कि जिन लोगों को सुबह बिना नहाए चाय या हल्का नाश्ता करने की आदत है तो भूल से भी इस दिन ऐसा न करें, क्योंकि ये अशुभ माना जाता है इसलिए स्नान के बाद ही कुछ ग्रहण करें। 2. वहीं इस दिन सुबह स्नान करते समय आप उसमें ध्यान से तिल मिला लें और तिल मिले जल से ही स्नान करें, हो सके तो तिल का उबटन इस्तेमाल करें। हो सके तो किसी पवित्र नदी में स्नान कर लें, अगर संभव न हो तो दूध, दही एवं तिल मिले जल से स्नान करें। लेकिन हां इस दौरान ध्यान रहे की आपको इस दिन बालों को नहीं धोना है और हो सके तो साबुन का इस्तेमाल न करें।
4. इन सबके अलावा आपको बता दें कि इस दिन भूल से भी किसी भी पेड़ की कटाई-छटाई नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से आपके कष्ट और बढ़ जाएंगे। 5. इसके अलावा ध्यान रहे कि इस दिन किसी भी प्रकार का तामसी भोजन, मांस, मदिरा, पान, तम्बाखू, ज्यादा गरिष्ठ भोजन इस दिन न खाएं। पति-पत्नी शारीरिक संबंध भी ना बनाएं। 6. वहीं बताया तो ये भी जाता है कि उस दिन संध्याकाल में भोजन अगर हो सके तो न खाएं, यह काफी पुण्यदायी है और अगर खाएं भी तो बहुत ही कम।