अपराध
मजबूर पत्नी ने बयां की दास्तां, ‘एसिड अटैक से ज्यादा दर्दनाक है मेरी शादी’
एसिड अटैक किसी के लिए भी बहुत दर्दनाक अनुभव होता है लेकिन एक 40 साल की पीड़िता ने बताया कि अपने ऊपर हुए एसिड अटैक होने से वो इतनी नहीं टूटी, जितना वो अपनी शादी से हुई। मामला पुणे का है, जहां की रहने वाली पीड़िता ने अपने शादी-शुदा जीवन की ऐसी दर्दनाक कहानी बयां की, जो किसी के भी रोंगटे खड़े कर दे। दरअसल, उसने जिंदगी के उन खौफनाक पलों के बारे में बताया जिन्हें वह बताते हुए भी डरती है।
राधिका (बदला हुआ नाम) को जिंदगी का सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब वो एक बीपीओ में काम करती थी। वहां काम करने वाले एक ड्राइवर ने उसका प्रोपोजल ठुकरा देने की वजह से राधिका पर एसिड फेंक दिया। इस हमले के कारण उसके शरीर के कई अंग बुरी तरह झुलस गए।
इसके बाद राधिका की जिंदगी में एक अच्छा मोड़ आया जब राधिका से एक शख्स रोहन (बदला हुआ नाम) ने शादी करने को कहा। दोनों एक-दूसरे से बेहद प्यार करने लगे थे। रोहन के परिजन इस शादी को लेकर राजी नहीं थे, वजह थी राधिका का अच्छा न दिखना। फिर भी दोनों ने शादी कर ली, पर इस शादी का नतीजा जो निकला वो बेहद खौफनाक था।
राधिका ने बताया कि जो इंसान शादी करने के लिए 72 नींद की गोलियां खा गया, वो इस कदर बदलेगा मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था। राधिका ने बताया कि रोहन हर किसी को राधिका पर किए एहसान को जाहिर करता था। वो कहता था कि एसिड अटैक होने के बावजूद उसने उससे शादी की। रोहन ने एक नहीं करीब 30 से ज्यादा बार रिश्तेदारों और दोस्तों के सामने इस बात को जाहिर किया। राधिका ने कहा कि वो एसिड अटैक के हमले से शारीरिक रूप से घायल हुई थी, लेकिन इस शादी से वो मानसिक और शारीरिक दोनों तरीकों से प्रताड़ित हुई।
राधिका ने बताया कि जो इंसान शादी करने के लिए 72 नींद की गोलियां खा गया, वो इस कदर बदलेगा मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था। राधिका ने बताया कि रोहन हर किसी को राधिका पर किए एहसान को जाहिर करता था। वो कहता था कि एसिड अटैक होने के बावजूद उसने उससे शादी की। रोहन ने एक नहीं करीब 30 से ज्यादा बार रिश्तेदारों और दोस्तों के सामने इस बात को जाहिर किया। राधिका ने कहा कि वो एसिड अटैक के हमले से शारीरिक रूप से घायल हुई थी, लेकिन इस शादी से वो मानसिक और शारीरिक दोनों तरीकों से प्रताड़ित हुई।
रोहन अक्सर राधिका को ये ताना भी मारता था कि उसके इलाज के लिए उसने न जाने कितने पैसे बर्बाद किए हैं। लेकिन सच्चाई ये थी कि राधिका अपनी पूरी सैलरी उसे या ससुराल वालों को थमा देती थी। इतना ही नहीं अपने इलाज के लिए भी राधिका को रोहन से पैसों की भीख मांगती थी। ये सब शादी के महज दो सालों बाद ही शुरू हो गया था।
दुखी राधिका ने अपने मां-बाप के पास जाना ही बेहतर समझा, क्योंकि जो जानवरों वाला व्यवहार उसके साथ किया जा रहा था वह उसे झेल नहीं पा रही थी। राधिका ने तलाक की लड़ाई लड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया, जहां उसने घरेलू हिंसा को अपनी अहम समस्या बताया। राधिका ने कोर्ट को कहा कि ससुराल वाले उसे रोज प्रताड़ित करते थे और दो बार उसका जबरन अबॉर्शन भी करवाया गया।
दुखी राधिका ने अपने मां-बाप के पास जाना ही बेहतर समझा, क्योंकि जो जानवरों वाला व्यवहार उसके साथ किया जा रहा था वह उसे झेल नहीं पा रही थी। राधिका ने तलाक की लड़ाई लड़ने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया, जहां उसने घरेलू हिंसा को अपनी अहम समस्या बताया। राधिका ने कोर्ट को कहा कि ससुराल वाले उसे रोज प्रताड़ित करते थे और दो बार उसका जबरन अबॉर्शन भी करवाया गया।
कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घरेलू हिंसा कानून 2005 के तहत रोहन और उसके घर वालों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। कोर्ट ने शारीरिक और मानसिक पर परेशान किए जाने के एवज में राधिका को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। इस फैसले के बाद राधिका काफी खुश है। राधिका ने कहा कि वो इन खौफनाक सालों को भूलकर आगे बढ़ना चाहती है। उसने कहा कि वो अपने इलाज पर ध्यान देना चाहती है।