दस्तक साहित्य संसारदस्तक-विशेषसाहित्य
मनवा गाए मल्हार…

स्वर : इंदुबाला
मूलतः गोरखपुर की निवासिनी।
शिक्षिका (नोएडा में)
कविता लेखन,संगीत एवं साहित्य में अभिरुचि।
लोकगायन से खास जुड़ाव।
नोएडा, उत्तर प्रदेश
गीत
अंगना में फूले अनार सखी री
सुंदर लगे घर-बार सखी री
गमले में सोहे मोहक करौटन
बेला चमेली की कैसी घरौटन
गुड़हल खिले रतनार सखी री
सुंदर…
मौसम की पहली फुहारें पड़ी हैं
गमलों की शोभित कतारें खड़ी हैं
बारिश की पहली फुहार सखी री
सुंदर…
सूना न जाए इस बार सावन
जल से सराबोर हो जाए तन- मन
मनवा है गाए मल्हार सखी री
सुंदर लगे घर बार सखी री
गीतकार : ओम निश्चल
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