मरीन केस में भारत को झटका, UN कोर्ट ने इतालवी नौसैनिक के हक में सुनाया फैसला
एजेंसी/ इटैलियन मरीन केस में भारत को बड़ा झटका लगा है. इटली के विदेश मंत्रालय के मानें तो संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता अदालत (आर्बिट्रेशन कोर्ट) ने आदेश दिया है कि इटली के मरीन सल्वाटोर गिरोन को इटली लौटने की इजाजत दी जाए. गिरोन और एक अन्य इतालवी नौसैनिक मसीमिलियानो लतोरे पर केरल के तट पर समुद्री डाकू समझकर दो मछुआरों की हत्या करने का आरोप है.
इटली के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, सल्वाटोर गिरोन आर्बिट्रेशन कोर्ट की सुनवाई पूरी होने तक इटली में रह सकता है. यह सुनवाई 26 जून, 2015 को शुरू हुई थी. बताया जा रहा है कि गिरोन के वापस लौटने की शर्तें भारत और इटली मिलकर तय करेंगे. गिरोन फिलहाल भारत में है. इटली लगातार गिरोन की भी वतन वापसी की मांग कर रहा है. गिरोन से पहले ही लतोरे तो इटली जा ही चुके हैं. भारत उन्हें सेहत संबंधी दिक्कतों के आधार पर इटली जाने की अनुमति दे चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले ही महीने उन्हें 30 सितंबर तक भारत आने से छूट दी थी.
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो इटली ने ट्रिब्यूनल के आदेश को तोड़ मरोड़कर कर पेश किया है. सूत्रों ने बताया कि किसी भी नौसैनिक को आजाद नहीं किया जाएगा. दूसरे नौसैनिक की जमानत की शर्तें भारत का सुप्रीम कोर्ट तय करेगा.
गृह मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने कहा कि कोर्ट का फैसला निश्चित तौर पर हमारे लिए बड़ा झटका है. हम कोर्ट का आदेश देखने के बाद ही इस पर प्रतिक्रिया देंगे.