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मांझी का आरोप, नीतीश सरकार के एक मंत्री के आवास पर छुपे थे टॉपर्स कांड आरोपी

पटना।

jitan-ram-manjhi-54f1ed695226c_lबिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरोप लगाया कि टॉपर्स फर्जीवाड़ा के आरोपी और विद्यालय परीक्षा समिति के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद तथा उनकी पत्नी पूर्व विधायक प्राचार्य उषा सिन्हा फरारी के दौरान पटना में ही एक मंत्री के यहां छुपे हुए थे जबकि पुलिस उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गिरफ्तार किए जाने का दावा कर रही है। 

मांझी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि फर्जीवाड़ा का मामला उजागर होने के बाद से भूमिगत चल रहे प्रसाद और उनकी पत्नी प्रो. सिन्हा अपने सारे दस्तावेजों को दुरुस्त करने के इरादे से ही पुलिस की पकड़ से बचते फिर रहे थे। उन्होंने कहा कि इसका अंदेशा उन्हे पहले से ही था।

मांझी ने कहा कि दोनों अपने फरारी के दौरान नीतीश सरकार के एक मंत्री के पटना स्थित आवास पर कुछ दिन तक शरण लिए हुए थें और इसके बाद एक पूर्व मंत्री के आवास में थे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) ने दोनों की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बता रही है जो सही नहीं है। 

मांझी ने कहा कि इस मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच होने के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पुलिस से इस फर्जीवाड़ा का जांच कराया जाना किसी भी हाल में उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस फर्जीवाड़ा का मास्टरमाइंड अमित कुमार उर्फ बच्चा राय को पुलिस ने पकडऩे के बाद छोड़ दिया था।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया नहीं जा सकता, लेकिन वर्तमान सरकार ने पुलिस पर दबाव बनाकर उसे बौना बना दिया है। हाल के दिनों में टॉपर्स और छात्रवृत्ति फर्जीवाड़ा तथा बहुचर्चित पशुपालन घोटाला से संबंधित संचिका गायब किए जाने के मामले की हर हाल में सीबीआई से जांच होनी चाहिए। 

मांझी ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इंटरमीडिएट पास किए हुए बिहार के 34 छात्र जो नेपाल में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे, उनकी डिग्री को लेकर सवाल उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने कार्यकाल में ऐसे लोगों को ही प्रश्रय दिया है जिसके कारण आज प्रदेश की छवि खराब हुई है।

मांझी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनकी पार्टी के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का बिहार में समझौता हुआ है, लेकिन उत्तर प्रदेश में राजग के साथ रहकर चुनाव लडऩे की कोई बाध्यता नहीं है। उत्तर प्रदेश में अपने सहयोगी दलों के साथ रणनीति पर उनकी कई दौर की बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले भी चुनाव लड़ सकती है और इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

 
 

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