बीजिंग: माउंट एवरेस्ट पर ग्लेशियर जलवायु पर्वितन के कारण पिछले 40 साल में 28 प्रतिशत से ज्यादा सिकुड़ चुका है जो कि ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी एशियाई नदियों के स्रोत हैं। चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस), हुनान यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टैक्नोलॉजी और माउंट छोमोलांगमा स्नो लेपर्ड कंजरवेशन सेंटर की ओर से जारी रिपोर्ट में यह बात कही गयी है जिसमें 1970 के दशक में सिकुड़ने वाले हिमनद क्षेत्रों से तुलना की गयी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व के सबसे उंचे पर्वत नेपाल में दक्षिणी ढलान पर हिमनद क्षेत्र 1980 के दशक के बाद से 26 प्रतिशत घट चुका है। कल जारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि माउंट एवरेस्ट पिछले 50 साल में ज्यादा गर्म हुआ है। माउंट एवरेस्ट को तिब्बत में माउंट छोमोलांगमा कहा जाता है। सीएएस के तहत लेबोरेटरी क्रायोस्फेरिक साइंस के एक अध्ययनकर्ता कांग शिचांचग ने बताया कि आंकड़ा दीर्घावधि रिमोट सेंसिंग और जगह की निगरानी पर आधारित है। सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक फिलहाल, चीन के 2,030 वर्ग किलोमीटर दायरे में फैले छोमोलांगमा नेशनल नेचर रिजर्व में 1,476 ग्लेशियर है।