रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार पर मानव तस्करी रोकने में असफल होने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि राज्य से 17 हजार महिलएं और बच्चियां लापता हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने आज यहां आरोप लगाया कि राज्य में मानव तस्करी करने वालों को उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है। इसलिये आज तक 17000 से अधिक महिलायें और बच्चियां लापता है। राज्य की भाजपा सरकार ने मानव तस्करी पर रोक लगाने के मामले में दृढ़ इच्छाशक्ति से कदम नहीं उठाया है। त्रिवेदी ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार छत्तीसगढ़ में एक वर्ष में 1012 महिलाएं बलात्कार का शिकार हुई हैं। छेड़खानी के मामलों में भी छत्तीसगढ़ देश के पहले दस राज्यों में शामिल है। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2008 से 2011 के बीच कुल 17365 महिलायें और युवतियां लापता हुईं। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में दर्ज अपराधों की संख्या के आधार पर आज भी पुलिस दस हजार से ज्यादा महिलाओं को खोज पाने में असफल हैं, ये युवतियां कहां गयी? कहां है? भाजपा सरकार के पास कोई जवाब नहीं हैं। तत्कालीन गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने विधानसभा में जुलाई 2012 में प्रश्नकाल में एक सवाल के जवाब में बताया था कि मानव तस्करी के आंकड़ों में 4 प्रकरण जशपुर के सन्ना थाने में दर्ज हैं, जिसमें लड़कियां गायब हैं और उनका कोई सुराग नहीं है। छत्तीसगढ़ से 5121 लड़कियां गायब हुई है। 18 लड़कियों को बेचे जाने की शिकायत मिली है। 671 प्रकरण दर्ज किए गए है तथा 762 लोगों पर कार्रवाई की गयी हैं।