मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने की सपा को समर्थन देने की घोषणा
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डॉ. हीरालाल यादव, राज्य कार्यकारिणी सदस्य के. एन. भट्ट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश शर्मा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य फूलचंद्र यादव, भाकपा माले के अरूण कुमार तथा फारवर्ड ब्लाक के एसएन सिंह चैहान ने भेंट कर लोकसभा उपचुनावों में समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा की। पूर्व मुख्यमंत्री श्री यादव ने वामदलों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर इलाहाबाद में हो रहे लोकसभा के उपचुनावों में भाजपा के प्रति आक्रोश और समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसमर्थन बढ़ता ही जा रहा है।
बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, निषाद पार्टी, पीस पार्टी और प्रगतिशील मानव समाज पार्टी के बाद भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी सहित वामपंथी दलों ने भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में अपने समर्थन और सहयोग की घोषणा कर दी है। इनके कार्यकर्ता क्षेत्र में सक्रिय रूप से प्रचार में लग गए हैं। वामदलों के नेताओं द्वारा अखिलेश यादव को दिए गए समर्थन पत्र में कहा गया है कि जब से भारतीय जनता पार्टी सरकार कायम हुई है, आम जनता का संकट बढ़ने के साथ ही भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र पर खतरा भी बढ़ गया है। अल्पसंख्यकों, दलितों तथा महिलाओं पर हमलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है और जनता की एकता को भारी चोट पहुंचायी जा रही है। ऐसी स्थिति में साम्प्रदायिक एवं जनविरोधी भाजपा को हराना जनता तथा देश के हित में अत्यंत जरूरी हो गया है।
वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि गोरखपुर और फूलपुर (इलाहाबाद) में लोकसभा के हो रहे उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के समर्थन में आधा दर्जन विपक्षी दलों के भी आ जाने से भाजपा में बौखलाहट साफ दिखाई देने लगी है। एक ओर जहां सत्ता का दुरूपयोग शुरू हो गया है वहीं अपनी हार से खीझे भाजपा नेता वाणी का संयम खोकर अनर्गल प्रलाप करने लगे हैं। उक्त दोनों चुनाव क्षेत्रों में मतदाता भाजपा के झूठे वादों और सत्ता दल की साजिशों से बुरी तरह क्षुब्ध और आक्रोशित है। भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व की संकीर्ण मानसिकता का दर्शन इससे भी होता है। कि भाजपा नेता अब अखिलेश यादव के प्रति अमर्यादित टिप्पणियां करने लगे हैं। भाजपा नेताओं ने जिस स्तरहीन आचरण का परिचय दिया है, वह भाजपा के संस्कार का वास्तविक चेहरा है। अखिलेश न केवल पूर्व मुख्यमंत्री हैं अपितु समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। उनके प्रति शालीनता रहित बयानबाजी लोकतांत्रिक व्यवस्था में अवांछनीय है, अपमानजनक भाषा का प्रयोग लोकतंत्र का भी अपमान है। श्री यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में विपक्ष को जो सम्मान दिया था और उन्होंने जिस विनम्रता और शिष्टाचार का बर्ताव किया था उससे स्वस्थ लोकतांत्रिक परम्परा को ताकत मिलती है। भाजपा को अखिलेश जी से शिष्ट व्यवहार सीखना चाहिए। ऐसा लगता है कि भाजपा नेतृत्व सत्ता मद में चूर है जिससे उनका उचित-अनुचित का विवेक भी नष्ट हो गया है।