‘मिशन मोड’ में आया संघ, यूपी पर ही होगा पूरा फोकस
इस एजेंडे पर नए साल से नए तेवरों के साथ काम करने की रणनीति बनी है। संघ के सह सरकार्यवाह दत्रात्रेय होसबोले 15 जनवरी को लखनऊ आने वाले हैं। वह यहां तीन दिन रहेंगे। फरवरी में 2-3 तारीख को सरकार्यवाह सुरेश जोशी ‘भैया जी’ का दौरा तय हो चुका है।
संघ के शीर्ष नेतृत्व की शाखाओं पर ध्यान देने की रणनीति संघ प्रचारकों के लिए किसी कड़े इम्तिहान से कम नहीं साबित होगी।
होसबोले लखनऊ के बाद गोरखपुर और फिर काशी क्षेत्र में जाकर शाखाओं के कामकाज की समीक्षा करेंगे।
पश्चिमी उप्र के लिए भी शीर्ष पदाधिकारियों के दौरे लगाए जा रहे हैं। दौरा करने वाले शीर्ष पदाधिकारी एक साथ दो काम करेंगे। वे 2014 में लखनऊ में हुई संघ की केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक में हुए फैसले और तय किए गए एजेंडे के आधार पर प्रदेश में कामकाज की स्थिति का विश्लेषण करेंगे।
यह है वजह : अक्तूबर 2014 में लखनऊ में संघ के केंद्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक में गांवों व ग्रामीणों के बीच अपेक्षाकृत बहुत मजबूत पकड़ न होने पर चिंता जताई गई थी। साथ ही पिछड़ों व दलित वर्ग के लोगों को नजदीक लाने पर भी जोर दिया गया था। यह तय किया गया था कि मुख्य मार्गों पर पड़ने वाले गांवों में एक साल में संघ की शाखाएं न सिर्फ स्थापित कर ली जाएं बल्कि उन्हें सक्रिय भी कर दिया जाए।
संघ को गांव के विकास से जोड़कर लोगों के नजदीक लाने का काम भी किया जाए। संघ अब उसी काम की समीक्षा करना चाहता है। इसी नाते दौरे और बैठकों की योजना बनी है। जाहिर है, यूपी में संघ के प्रचारकों के लिए यह समीक्षा किसी कठिन परीक्षा से कम नहीं रहने वाली।