जानकारी के अनुसार, गाजियाबाद के कारोबारी मनोज गुप्ता को युवती ने एक मिस्ड कॉल की. इसके बाद मनोज गुप्ता ने उस युवती को कॉल किया. बस फिर क्या था, दोनों के बीच लम्बी-लम्बी बातों का सिलसिला शुरू हो गया.
दिल्ली में मनोज गुप्ता ने युवती से मुलाकात की. इसके बाद दोनों ने मसूरी और देहरादून में घूमने का प्लान बनाया. पहले तो ममता ने आने से इनकार कर दिया, मगर फिर वह मसूरी आने के लिए राजी हो गई.
जब मनोज गुप्ता ममता को लेकर देहरादून स्थित अपने फॉर्म हाउस पहुंचे तब तक सब कुछ ठीक चलता रहा. वहां पहुंचकर मनोज ने ममता के लिए स्पेशल डिनर भी मंगवाया.
मनोज ने बताया कि ड्रिंक करने के बाद वह अपने बिस्तर पर सो गया, जबकि ममता दूसरे कमरे में सोने के लिए चली गई.
इसके बाद ममता ने अपना खौफनाक खेल शुरू किया और व्हाट्सऐप से किडनैपर को यह सूचना दी कि मनोज सो गया है और अब उसे किडनैप करने का सही समय आ गया है. रात करीब ढाई बजे किडनैपर मनोज के हाथ पैर बांधकर उसकी ही गाड़ी से देहरादून से लेकर मेरठ के लिए रवाना हो गए. इस दौरान ममता भी किडनैपर के साथ बैठी हुई थी.
मगर जब वे मनोज के हाथ-पैर बांध रहे थे तभी मनोज ने एक किडनैपर की उंगली काट ली जिससे कमरे में खून ही खून हो गया. इस मामले की जांच कर रही देहरादून पुलिस ने युवती और मनोज के फोन को सर्विलांस पर लगा दिया. इसके बाद किडनैपर 20 लाख रुपए फिरौती की मांग करने लगे.
मोबाइल सर्विलांस की मदद से पुलिस ने अपहरणकर्ताओं की लोकेशन को ट्रेस कर लिया. किडनैपर मनोज को छोड़कर फरार हो गए. इसके बाद पुलिस ने सोमवार को मिस्ड कॉल से दोस्ती और फिर अपहरण करने की आरोपी युवती ममता को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि उसके अन्य सभी साथी अब भी फरार हैं.