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मुंबई: भारी बारिश के कारण राज्य सरकार ने 3 जिलों में छुट्टी घोषित की

मायानगरी मुंबई और आसपास के इलाकों में भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र सरकार ने तीन जिलों में छुट्टी का ऐलान किया है. राज्य सरकार ने मुंबई, मुंबई उपनगर और ठाणे जिले में छुट्टी घोषित की है. इस दौरान सभी अत्यावश्यक सेवाए कार्यरत रहेंगी. महाराष्ट्र सरकार के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट मंत्रालय कंट्रोल रूम महाराष्ट्र ने लिखा, ‘कृपया ध्यान दें, भारी बारिश के चलते मुंबई, मुंबई उपनगर और ठाणे जिले के सभी सरकारी कार्यालय (जरूरी सेवाओं और विधान संबंधि को छोड़कर) बंद रहेंगे.’

बता दें कि पिछले दो दिनों से जारी बारिश के चलते पूरे मुंबई शहर में हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. घर, दफ्तर, बैंक, स्कूल यहां तक की पुलिस थाने तक में पानी भर गया है. सड़कों पर गाड़ियां रेंग रही है तो मुंबई की जान कहे जाने वाली लोकल ट्रेन की पटरियां पानी से लबालब है. मौसम विभाग मुंबई में अगले दो दिन तक भारी बारिश का अनुमान जताया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है.

सीएम फडणवीस ने अपने ट्विटर अकाउंट से लिखा, ‘मौसम विभाग आज फिर भारी बारिश का अनुमान जताया गया है. लोगों को सलाह दी जाती है कि यदि कोई इमरजेंसी न हो तो वह घरों में ही रहें’

मौसम विभाग की वेबसाइट के मुताबिक मुंबई में 5 जुलाई तक इसी प्रकार के मौसम की भविष्यवाणी की गई है. नवी मुंबई, ठाणे और कोंकण में स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे. कई फ्लाइट्स को बारिश के कारण मुंबई से अहमदाबाद डाइवर्ट किया गया है. मुंबई एयरपोर्ट से 54 फ्लाइट्स को डाईवर्ट किया गया है.

बीएमसी का स्कूल कॉलेज बंद करने का दिया निर्देश
बीएमसपी ने मुंबई में भारी बारिश के चलते सभी स्कूल कॉलजों को बंद करने का निर्देश दिया है. महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री आशीष शेलार ने भी घोषणा की है कि आज 2 जुलाई को मुंबई, नवी मुंबई, ठाणे और कोंकण क्षेत्र के सभी स्कूल (प्राइवेट और सरकारी) बंद रहेंगे.

महाराष्ट्र में दीवार गिरने से 22 की मौत
महाराष्ट्र में दीवार गिरने से अब तक 22 लोगों की मौत हो गई है. बीती रात से भारी बरसात हो रही है जिसके चलते यह हादसे हुए हैं.

मुंबई के मलाड में कुरार गांव इलाके में दिवार गिरने से 13 लोगों की मौत हो गई और 11 लोग घायल हो गए है. एनडीआरएफ और बीएमसी के डिसास्टर मैनेजमेन्ट के जवान बचाव कार्य में लगे है.

पुणे के सिंहगढ़ इन्स्टीट्यूट की दिवार गिरने से 6 लोगों की मौत हो गई है. 4 लोग घायल हो गए है. यह सभी मजदूर थे जो दिवार के किनारे बने झुग्गी मे रहते थे. मृतकों मे चार मजदूर छत्तीसगढ़ के है. और दो मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं.

कल्याण में स्कूल की दीवार दो घरों पर गिरने से एक बच्चे समेत 3 लोगों के मारे जाने की खबर है. इस हादसे में एक व्यक्ति घायल हुआ है. कल्याण के दुर्गाडी परिसर में रात 12,30 बजे के आसपास नेशनल उर्दू स्कूल की संरक्षण दीवार अचानक गिर गई. यह दीवार स्कूल से सटे दो घरों पर गिरी. मलबे में दबे 4 लोगों को स्थानीय लोगों ,पुलिस और फायरब्रिगेड की मदत से बाहर निकाला गया.

बीएमसी की तैयारी फेल
बारिश से पहले बीएमसी ने पूरे शहर भर में 180 ऐसी जगहों की पहचान की थी जहां पर पानी भर सकता हैं. इन स्थानों पर बडे़ पंप लगाए गए थे जिससे बारिश के दौरान पानी को निकाला जा सके. लेकिन उसका कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है. बीएमसी का दावा था कि उसने तकरीबन 235 से ज्यादा पंप अलग अलग स्थानों पर लगाए हैं. बीएमसी ने ज्यादातर उन स्थानों की पहचान की जो मुंबई के लो लाइन इलाके हैं जहां पर पानी भरता हैं. 15.86 करोड़ रूपए सड़को के गढ्ढे भरने पर. बीएमसी का दावा का 90 प्रतिशत ड्रेनेज सिस्टम साफ हो चुका हैं.

खतरनाक पुलों का सर्वे करवाया था
बीएमसी द्वारा किए गए स्ट्रक्चरल ऑडिट में अभी तक 29 पुलों के खतरनाक होने की बात सामने आई थी. इन 29 पुलों में 8 पुलों को तोड़ दिया गया है वहीं 21 पुलो को बंद कर दिया है. बीएमसी ने सभी 29 पुलों को फिर से बनाने का फैसला लिया है.

नालों की सफाइ का दावा भी निकला फुस्स
बीएमसी के मुताबिक अब तक 65 प्रतिशत नालो की सफाई हो गई, लेकिन उसके बावजूद भी पूरे शहर में पानी भरा है. बीएमसी ने 153 करोड़ रूपए नालों की सफाई पर खर्च किए.

खतरनाक बिल्डिंगों-पेड़ों को चिन्हित किया था
बीएमसी ने इस बार बार बारिश से पहले शहर की 499 बिल्डिंग को खतरनाक बताया था. इसके बावजूद मलाड, कल्याण और पुणे में दीवार गिरने से 22 लोगों के मारे जाने की खबर है. बीएमसी ने तकरीबन 10 हजार पेड़ों पर पोस्टर लगाया था और बताने की कोशिश थी कि बुरे अवस्था वाले पेड़ के नीचे बारिश के दौरान कार पार्क न करें साथ ही उसके नीचे न खड़े रहें. लेकिन पहली ही बारिश में यह पोस्टर धुल गए.

इसके साथ बीएमसी ने लोगों से आपदा प्रबंधन(MCGM) नाम का ऐप लॉन्च किया है जिसमे लोगों को बारिश की संभावना, ट्रैफिक और हाई टाइड जैसी दूसरी कई जानकारियां मिल सकेगी. 50 करोड़ रूपए पेंड़ो की कटाई और छटाई पर खर्च किए गए.

बीएमसी ने निचले इलाकों की पहचान की थी
इसके साथ बीएमसी ने उन इलाकों की पहचान की है जहा पर पानी भरता है तो ऐसे स्थानों से लोगो निकालने की भी तैयारी़ की गई थी. बीएमसी का दावा था कि लोगों को ले जाने के लिए बेस्ट की बसें और प्राइवेट गाडियों का भी इस्तेमाल होगा. इसके साथ बीएमसी ने ऐसे लोगों के फूड़ पैकेज का भी इंतजाम करने की बात कही थी जिसने वो गैर सरकारी संगठनों से मदद लेगी

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