मेट्रो को टक्कर देने आ रही ‘केटरपिलर’, लिखेगी स्पीड की नई इबारत
नई दिल्ली। देश के बड़े शहरों में बढ़ते ट्रैफिक से निजात पाने के लिए जमीन से ऊपर मेट्रो को दौडाया गया। लेकिन अब मेट्रो को मात देने आ रही है केटरपिलर ट्रेन।
केटरपिलर ट्रेन अब दौड़ेगी
स्ट्रीप्ड डाउन पायलेट सिस्टम पर तीन मिलियन डॉलर और पूरी तरह से ऑटोमेटेड सिस्टम पर 20 मिलियन डॉलर का खर्च आएगा। केटरपिलर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है और यह काफी हल्की होती है। साइज़ में पतली केटरपिलर का ज़मीन से ऊपर एलिवेटेड रूट पर संचालन होता है। इस तरह की ट्रेन पटरी से ऊपर और नीचे दोनों तरफ चल सकती है।
सबसे पहले हरियाणा से दौड़ाने पर विचार
हरियाणा इस ट्रेन के लिए पायलट कॉरिडोर बनाने पर विचार कर रहा है। मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने सीएमओ को गुड़गांव के स्थानीय अधिकारियों से बात करके आगे की रणनीति पर विचार करने को कहा है।
भारतीय रेलवे के अधिकारी अश्विनी उपाध्याय ने इस केटरपिलर ट्रेन की ईज़ाद की है। दिल्ली में इसी विषय पर उन्होंने श्रीखट्टर से मुलाकात की। अश्विनी उपाध्याय एमआईटी के द्वारा ग्लोबल अवार्ड से नवाजे जा चुके हैं। उन्होंने एमिल जैकब के साथ मिलकर केटरपिलर ट्रेन का आइडिया खोजा।
हरियाणा सीएम के एडिशनल प्राइवेट सेक्रेटरी राकेश गुप्ता ने बताया, “सीएम ने इस आइडिये पर कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी गई है। इस स्टेज पर हम प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के बारे में देख रहे हैं”।
गुड़गांव के डिप्टी कमिश्नर टीएल सत्य प्रकाश और पुलिस कमिश्नर संदीप खिरवार से मिलकर श्री उपाध्याय ने कॉरिडोर के मसले पर संभावित जगहों के बारे में चर्चा की। अभी शुरुआत में हुडा सिटी सेंटर और सुशांत लोक के बीच के इलाके पर सहमति बनी है। साथ ही एंबियंस मॉल के पास के लिए भी बात हो चुकी है। उपाध्याय ने कहा, ”मुझे राज्य के जीआईएस विभाग से मदद लेने को कहा गया है जिससे कि उचित कॉरिडोर चुना जा सके। पुलिस का भी मानना है कि इस तरह का कॉरिडोर उस रूट पर ही बेहतर रहेगा जिस पर ट्रांसपोर्ट की डिमांड भी हो और वहां अभी तक बस सर्विस भी न हो।”