उत्तराखंड

मेरे क्षेत्र में रायता न फैलाओ पर भड़के कांग्रेसी

 महानगर कांग्रेस की निकाय चुनाव को लेकर आयोजित बैठक को देखकर तो यही लगता है कि कांग्रेसियों ने पिछली गलतियों से कोई सबक नहीं लिया। सोमवार को हुई इस बैठक में आपसी धड़ेबाजी हावी रही। बैठक में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि मेरे क्षेत्र में रायता न फैलाओ इस पर महानगर अध्यक्ष व कई कार्यकर्ताओं ने विरोध शुरू कर दिया। पर्यवेक्षकों ने बमुश्किल स्थिति संभाली। हंगामेदार रही बैठक में कांग्रेसियों में एकजुटता का अभाव दिखा। 

निकाय चुनाव तैयारी को लेकर सोमवार को कांग्रेस मुख्यालय में जिला पर्यवेक्षक पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ बैठक ले रहे थे। बैठक में पार्षद से लेकर महापौर पद के संभावित उम्मीदवारों की राय-शुमारी की जा रही थी। इस बीच महापौर टिकट के संभावित दावेदार पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल भी बैठक में पहुंचे। उन्होंने अपना परिचय देते हुए कहा कि 1993 से विधायक से मेयर के छह चुनाव लड़ चुका हूं।

मेरे क्षेत्र में बेवजह रायता मत फैलाओ। मैं अनुभवी हूं। पूर्व मंत्री की यह बात सुनते ही महानगर अध्यक्ष पृथ्वीराज सिंह चौहान समेत अन्य कार्यकर्ता भड़क गए और अग्रवाल को बीच में ही बोलने से रोकने का प्रयास करने लगे। इससे बैठक में हंगामा होने लगा। इसके बाद पूर्व मंत्री अपनी बात कहकर अपने 10-15 कार्यकर्ताओं के साथ बैठक से चले गए। पूर्व मंत्री के इस रवैये पर महानगर अध्यक्ष और पार्षद जगदीश धीमान सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने पर्यवेक्षक के सामने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि जब बड़े नेताओं ने इसी तरह भाषण देकर चले जाना है तो बैठक करने का कोई औचित्य नहीं है।

इससे पूर्व महापौर टिकट के संभावित दावेदार हीरा सिंह बिष्ट भी कुछ देर ही बैठक में रुके। बैठक में पूर्व विधायक राजकुमार ने कहा कि चुनाव के दौरान पार्टी के खिलाफ काम करने वालों को टिकट न दिया जाए। हंगामे से पहले ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह बैठक को संबोधित कर चमोली के लिए रवाना हो गए थे। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, जोत सिंह बिष्ट, यामीन अंसारी, लालचंद शर्मा, प्रमोद कुमार सिंह, रविंद्र जैन, कमलेश रमन, नीनू सहगल, त्रिलोक सिंह सजवाण, पार्षद बीना बिष्ट, अशोक कोहली, डॉ. बिजेंदर पाल, महेश जोशी, पंकज मेसोन, संजय शर्मा आदि मौजूद रहे। 

बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि यह चुनाव कांग्रेस के लिए कठिन चुनौती है। जीतने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर एकजुटता का परिचय दें। जिसे भी टिकट मिलेगा, उसके लिए सभी पार्टी हित में काम करेंगे। मगर प्रदेश अध्यक्ष की यह नसीहत उनके बैठक से जाते ही कार्यकर्ता भूल गए। 

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अभी आरक्षण और परिसीमन तय होना है। मगर महापौर और पार्षद के संभावित प्रत्याशियों की सूची तैयार कर ली जाए। भाजपा की जनविरोधी नीतियों के चलते माहौल उनके पक्ष में है। ऐसे में कार्यकर्ता एकजुटता का परिचय दें। इससे पहले जिला पर्यवेक्षक तिलकराज बेहड़ ने अनुशासन एवं जीत के लक्ष्य के साथ प्रत्याशियों का चयन करने को कहा। बेहड़ ने कहा कि चुनाव लडऩे के इच्छुक प्रत्याशी अपना आवेदन महानगर कार्यालय में जमा करवाएं। 

बैठक में बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के प्रदीप जोशी ने कहा कि जिताऊ-बिकाऊ नहीं, बल्कि टिकाऊ और पार्टी के वफादार को टिकट दिया जाए। उन्होंने कहा कि मंत्री-विधायक की सिफारिश पर टिकट बांटने से भी परहेज किया जाए। 

– प्रत्याशी स्थानीय मुद्दों पर लड़ें चुनाव।

– सोशल मीडिया, मीडिया मैनेजमेंट और कैंपेन पर दें ध्यान। 

– शक्ति प्रदर्शन के बजाय घर-घर करें संपर्क। 

– प्रत्याशियों की सूची बनाते वक्त बनाएं सहमति। 

नगर निगम देहरादून से महापौर और पार्षद पद के लिए टिकट की दावेदारी करने वाले प्रत्याशी मंगलवार से आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए आवेदन पत्र महानगर कार्यालय से मिलेगा। 

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