मैं अब भी भारत का नम्बर-1 स्पिन गेंदबाज हूं : हरभजन
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेढ़ दशक बिताने के बावजूद हरभजन सिंह घरेलू क्रिकेट का लुत्फ ले रहे हैं। 33 साल के भज्जी खुद को आज भी देश का नम्बर-1 स्पिन गेंदबाज मानते हैं। उनका कहना है कि वह जल्द बी भारतीय टीम में वापसी करेंगे।फिरोजशाह कोटला मैदान पर उत्तर क्षेत्र विजय हजारे ट्रॉफी मुकाबला खेलने पहुंचे भज्जी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा ‘‘भारतीय टीम में स्थान बनाने के मकसद से बड़ी प्रेरणा और क्या हो सकती है। मेरे वीरेंद्र सहवाग और गौतम गम्भीर जैसे खिलाड़ी के लिए हर एक मैच मौके की तरह है।’’भज्जी जैसे कद्दावर खिलाड़ी को अधिक समय तक टीम से बाहर रखना चयनकर्ताओं के लिए आसान नहीं। खासतौर पर ऐसे समय में जबकि भारतीय गेंदबाज देसी और विदेशी पिचों पर लय पाने में नाकामयाब रहे हैं। रविचंद्रन अश्विन जैसे गेंदबाज की समय-समय पर आलोचना हो रही है।हरभजन के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने हमेशा इस खिलाड़ी का पक्ष लिया है। गांगुली ने हमेशा कहा है कि भज्जी को टीम में रहना चाहिए। भज्जी ने भी अपने कप्तान के कहे को लेकर हामी भरी।भज्जी ने कहा ‘‘मैं किसी के बारे में बात नहीं करूंगा। मैं ऐसे किसी के बारे में नहीं बोलूंगा जो टीम में शामिल है लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगा कि मैं आज की तारीख में नम्बर-1 स्पिन गेंदबाज हूं। मेरे अंदर शीर्ष स्तर पर टीम को तीन से चार साल तक सेवाएं देने के लिए अभी भी काफी कुछ है।’’स्थानीय आयोजनों में खेलने से हरभजन को इस बात का अंदाजा लगा है कि देश में और कितने स्पिन गेंदबाज हैं जो आने वाले दिनों में टीम को अपनी सेवाएं दे सकते हैं।भज्जी ने अनिल कुम्बले के साथ अपनी शानदार जोड़ी को याद करते हुए कहा ‘‘मुझे कहते हुए अच्छा नहीं लगता लेकिन मैंने अब तक एक भी गेंदबाज नहीं देखा जो भारतीय टीम में लम्बे समय तक बना रह सकता है।’’सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी शैली के बारे में पूछने पर हरभजन ने कहा ‘‘दोनों की शैली अलग है। धौनी शांत रहते हैं। वह फैसले का हक गेंदबाजों पर डाल देते हैं। आपको ही फैसला करना होता है कि आप किस तरह का क्षेत्ररक्षण चाहते हैं।ाौनी मानते हैं कि गेंदबाज को बेहतर अंदाजा होता है कि वह किस तरह की गेंद डालने जा रहा है।’’‘‘ दूसरी ओर गांगुली शानदार कप्तान रहे हैं। वह दुनिया से अलग कप्तान रहे हैं। धौनी ने युवाओं को जिस तरह से निखारा वह काबिलेतारीफ है। उन्होंने युवराज कैफ सहवाग जहीर खान नेहरा और मुझ जैसे खिलाड़ियों को कहां से कहां पहुंचा दिया। उन्होने टीम को ऐसे समय में बल दिया जब हम मैच फिक्सिंग की गंदगी में फंसे हुए थे। गांगुली ने हमें विदेशोें में जीतना सिखाया।’’