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मैं कानून से बड़ा नहीं : प्रधानमंत्री

mbविशेष विमान से (एजेंसी)। रूस और चीन की यात्रा से स्वदेश लौटने के दौरान प्रसन्नचित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कोयला ब्लॉक घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की पूछताछ के लिए खुद को तैयार बताते हुए कहा कि वे कानून से बड़े नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने संघर्ष विराम उल्लंघन की बार-बार की घटनाओं के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि वे ‘निराश’ हैं क्योंकि पिछले महीने न्यूयार्क में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ शांति बनाए रखने का समझौता होने के बावजूद स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।यात्रा से वापसी के क्रम में प्रधानमंत्री ने कई विषयों से जुड़े सवालों के जवाब दिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार पर जो घोटाले के आरोप लगाए जाते हैं वह संप्रग के पहले कार्यकाल से जुड़े हैं  संप्रग के दूसरे कार्यकाल से नहीं।
उन्होंने कहा कि 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को ‘निर्णायक’ जीत मिली थी। उन्होंने साथ ही कहा  ‘मुझे पूरा भरोसा है कि जब 2०14 का परिणाम आएगा तो देश फिर से चकित रह जाएगा।’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आक्रामक चुनाव अभियान की वजह से माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कांग्रेस से आगे चल रही है लेकिन ‘धीमी गति से लगातार चलने वाले’ ही दौड़ जीत जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं इस विचार से सहमत नहीं हूं कि कांग्रेस पार्टी पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं है। मैं मानता हूं कि कांग्रेस पूरी तरह से सक्रिय है। मैं समझता हूं कि भाजपा ने अपना अभियान जल्दी शुरू किया है और वह जल्दी ही कमजोर भी साबित होगी। और मैं समझता हूं कि धीमी गति एवं लगातार वाली बात सार्वजनिक जीवन में भी काम करती है।’’यह पूछे जाने पर कि कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित गड़बड़ी जैसे मुद्दे से ‘उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल पर काली छाया पड़ सकती है’  प्रधानमंत्री ने जवाब दिया ‘इसका मूल्यांकन इतिहास करेगा।’उन्होंने कहा कि मैं अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा हूं और करता रहूंगा। मेरे 10 वर्षों के प्रधानमंत्री के कार्यकाल पर क्या असर पड़ेगा इसका फैसला इतिहासकार करेंगे।’
संप्रग-1 सरकार में वर्ष 2006 में कोयला मंत्रालय प्रधानमंत्री के ही पास था। उन्होंने कहा कि वे ‘देश के कानून से ऊपर नहीं हैं।’ उन्होंने कहा, यदि सीबीआई को या कोई अन्य इस विषय में कुछ भी पूछने की इच्छा है तो पूछताछ कर सकता है। मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।
कश्मीर में अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम का लगातार उल्लंघन किए जाने के एक सवाल पर प्रधानमंत्री ने कहाकि मैं निराश हूं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ न्यूयार्क में 29 सितंबर को हुई बैठक में इस मुद्दे पर समझौता हुआ था कि दोनों पक्ष अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर शांति और संयम बनाए रखेंगे। और ऐसा नहीं हुआ…यह मेरे लिए बड़ी निराशा की बात है।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने नवंबर 2003 से लागू संघर्ष विराम को बहाल रखने पर सहमति जताई। यदि इस समझौते को 1० वर्षों तक लागू रखने का आधार था तो आगे भी जारी रखने का आधार है। लेकिन यह नहीं हो पा रहा है और यह निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि देर से ही सही प्रधानमंत्री नवाज शरीफ यह महसूस करेंगे कि दोनों पड़ोसियों में किसी के लिए भी यह अच्छा नहीं है। जम्मू एवं कश्मीर में पांच भारतीय जवानों की 6 अगस्त को धोखे से की गई हत्या और जनवरी में एक जवान का सिर काट लेने की घटना को लेकर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रधानमंत्री से न्यूयार्क में पाकिस्तान के साथ वार्ता नहीं करने की मांग की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर राहुल गांधी की जान को खतरा संबंधी कोई धमकी मिली तो सरकार वह सभी कदम उठाएगी जिससे उन पर कोई खतरा न मंडराए।

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