मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जुगनाथ ने पत्नी संग देखा कुम्भ, हर्ष जताया
प्रयागराज : कुम्भ मेले गुरुवार को मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जुगनाथ अपनी पत्नी कोविता के साथ पहुंचे। भव्य स्वागत के बाद उन्होंने कुंभ मेले की व्यवस्था देखी। अद्वितीय व अप्रीतम अध्यात्म की मौजूदगी व सनातन संस्कृति का संगम देखकर प्रधानमंत्री व उनकी पत्नी समेत उनके साथ आए अन्य विदेशी अतिथि मंत्रमुग्ध नजर आए। प्रधानमंत्री जुगनाथ ने गंगा में आचमन कर तमिल पद्धति से पूजन किया, फिर बांध स्थित बड़े हनुमान मंदिर गए और दर्शन पूजन किया। उन्होंने कुंभ में बुलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा कि संगम तट से मैं मॉरीशस वासियों के लिये एक अच्छा और बड़ा संदेश लेकर जा रहा हूं। निश्चय ही मेरी यह यात्रा भारत के संबंधों को और प्रगाढ़ करेगी। उन्होने कुंभ का बखान करते हुये कहा कि कुंभ की दिव्यता और औलोकिकता से वह और उनका प्रतिनिधिमंडल अभिभूत है। कुंभ अनेकता में एकता का पयार्य है जो मानव सभ्यता की रक्षा के लिये सारी दुनिया को मिलकर चलने का संदेश देता है। मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने विश्व प्रसिद्ध लेटे हुए हनुमान जी के दर्शन किये। उन्होंने विधि विधान से मंदिर के गर्भगृह में बटुकों की ओर से वैदिक मंत्रोच्चार और हनुमानाष्टक के मंगलपाठ के बीच हनुमान जी का अभिषेक किया।
इस दौरान उन्हें लेटे हनुमान जी से जुड़ी कथा भी सुनाई गई। बाद में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने शाल ओढ़ाकर प्रधानमंत्री प्रविंद और उनकी पत्नी कोविता का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनाथ ने विजिटर बुक में ‘थैंक यू फॉर योर ब्लेसिंग्स एंड योर वार्म वेलकम, जय हनुमान! । हालांकि यह संदेश उनकी पत्नी कोविता ने लिखा, बाद में प्रधानमंत्री जुगनाथ संदेश के नीचे तारीख सहित अपने हस्ताक्षर किए। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार गुरुवार को वाराणसी में संपन्न हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के बाद 3000 प्रवासी भारतीयों ने कुंभ में अपना डेरा जमाया। कड़ी सुरक्षा के बीच कुंभ मेले में पहुंचे प्रवासी भारतीयों का का भारतीय संस्कृति की छवि के अनुरूप भव्य स्वागत किया गया । इस दौरान विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी ने अंगवस्त्र देकर गर्मजोशी से सभी का स्वागत किया। सभी को बसों के काफिले के साथ अरैल स्थित टेंट सिटी ले जाया गया। जहां इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, पुडुचेरी के कलाकारों ने उनका स्वागत लोकनृत्य और लोकगीतों के जरिए किया।