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मोदी को बड़ी राहत,दंगों में क्लीन चिट को दी चुनौती याचिका खारिज

modi9नई दिल्ली।भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को बड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें गुजरात दंगों से जुड़े एक मामले में मोदी को दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी।एक वकील ने याचिका दाखिल कर एसआईटी की ओर से मोदी को क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा,याचिका निराधार है। कोर्ट ने एसआईटी पुर्नगठित करने की मांग भी खारिज कर दी। न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा,इस स्टेज पर एसआईटी को पुर्नगठित करना अच्छा नहीं होगा। कोर्ट इस स्टेट पर याचिका को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।इस पर याचिका दाखिल करने वाली वकील फातिमा ने याचिका वापस लेने की मांग की। कोर्ट ने उन्हें इसकी अनुमति दे दी। फातिमा ने याचिका में मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों वाली एसआईटी बनाई जाए। 4 अप्रेल को सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों से जुड़े 9 मामलों की जांच पर संतोष व्यक्त किया था।न्यायाधीश एचएल दत्तू, न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई और न्यायाधीश एमवाई एकबाल की पीठ ने एसआईटी के कामकाज की तारीफ की थी। सीबीआई के पूर्व निदेशक आरके राघवन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने 27 फरवरी को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट पर कहा था कि वह अब तक की जांच से संतुष्ट है।एसआईटी ने जिन नौ मामलों की जांच की है उनमें गुलबर्ग सोसायटी,सरदारापुरा,नरोडा पाटिया,नरोडा गांव,माछीपीठ,ओडे तरसाली,पंडरवाडा और राघवपुरा शामिल है। गुलबर्ग सोसायटी में हुए दंगों के दौरान कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की हत्या कर दी गई थी। जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने इस मामले में नरेन्द्र मोदी सहित 59 लोगों को आरोपी बनाने की मांग की थी।इस मामले में एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दे दी थी। 20 मार्च को गुजरात हाईकोर्ट ने जाकिया जाफरी की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई टाल दी थी। जाकिया जाफरी ने अहमदाबाद मेट्रोपोलिटन कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मोदी को एसआईटी की ओर से दी गई क्लीन चिट को सही ठहराया था।पिछले साल 26 दिसंबर को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट बीजे गनात्रा ने जाकिया जाफरी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मोदी को दी गई क्लीन चिट को चुनौती दी गई थी। जाकिया जाफरी ने प्रोटेस्ट याचिका दाखिल की थी। जाकिया जाफरी ने 15 मार्च को याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि मजिस्ट्रेट कोर्ट के उस आदेश को खारिज किया जाए जिसमें एसआईटी की क्लोजर रिपोर्ट को वैध ठहराया था।

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