नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की अपनी यात्रा से एक साथ कई मोर्चों को साधने का प्रयास किया है। उन्होंने अपनी यात्रा से भाजपा की राजनीतिक जमीन को मजबूती देने के प्रयासों को मजबूत करने की कोशिश की। साथ ही केंद्रीय स्तर पर विभिन्न मुद्दों पर अतिरिक्त समर्थन की दरकार के मद्देनजर दीदी का मन टटोला। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व जीएसटी सहित अन्य मुद्दों पर तृणमूल कांग्रेस का साथ पाने की कोशिश कर रहा है। भाजपा खेमे में यात्रा के केंद्रीय व सूबाई राजनीति के लिहाज से कई अहम मतलब निकाले जा रहे हैं। भाजपा वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। पार्टी मान रही है कि मोदी की यात्रा से भाजपा काडर और कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार होगा। भाजपा नेताओं का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल में राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट तरीके से जाहिर कर दिया है। उन्होंने ममता बनर्जी के साथ उनकी कुछ मांगों का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने यह मांग मेरे सामने इसलिए की है कि उन्हें पता है कि यही कर पाएगा। उन्होंने 60 साल की पीड़ा का उल्लेख करके पुरानी सरकारों पर हमला भी किया। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा साफ है वे पश्चिम बंगाल के विकास के लिए योजनाएं भी देंगे और पार्टी को राजनीतिक ताकत देने का प्रयास भी साथ साथ करेंगे।