भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार श्रवणबेलगोला की यात्रा करेंगे. वे यहाँ जैन समुदाय के पवित्र तीर्थस्थल में चल रहे भगवान बाहुबली के महामस्ताभिषेक के लिए शिरकत करेंगे. बाहुबली के महामस्तकाभिषेक का ये कार्यक्रम 12 साल में एक बार होता है. इस महामस्तकाभिषेक में 35 से 40 लाख लोगों के आने की संभावना कर्नाटक सरकार ने जताई है. पिछली बार यह आयोजन 2006 में हुआ था और उस समय करीब 25 लाख लोग आए थे.
गौरतलब है कि, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सात फरवरी को महामस्ताभिषेक से जुड़े अनुष्ठान कार्यक्रम की शुरुआत की थी. वहीं मोदी ने भगवान बाहुबली कि प्रतिमा पर हेलीकाप्टर द्वारा फूल अर्पित करने की अपनी मंशा प्रकट की थी. किन्तु श्रावणबेलगोला के विन्घ्यगिरि पर्वत पर स्थित भगवान बाहुबली की प्रतिमा के आस पास का 200 मीटर का क्षेत्र, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के द्वारा ‘नो फ्लाइंग ज़ोन’ घोषित कर दिए जाने से अब यह संभव नहीं हो पायेगा.
आपको बता दें कि, प्रथम जैन तीर्थकर आदिनाथ के पुत्र भगवान बाहुबली की 57 फीट ऊंची प्रतिमा विध्यगिरी पहाड़ियों पर स्थित है. भगवान बाहुबली की भव्य मूर्ति का निर्माण 981 में गंगा राजवंश के सेनापति चामुंडराय द्वारा कराया गया था. यह दुनिया में अखंड ग्रेनाइट से बनी सबसी बड़ी मूर्ती है. जैन समुदाय के अनुसार यही उनका सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है.