मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, 5 लाख रुपए में मिलेगा घर
एजेन्सी/केंद्र सरकार स्मार्ट शहर विकसित करने के साथ-साथ आम आदमी को बेहद सस्ते घर मुहैया कराने जा रही है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा सरकार स्मार्ट शहर बनाने के साथ लोगों को 5 लाख रुपये से कम कीमत वाले घर मुहैया कराने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
ऐसे समय में जब देश की कुल आबादी का मात्र 1 फीसदी 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले घर खरीदने में सक्षम है। सरकार की यह पहल देश की एक बड़ी आबादी को राहत दे सकती है। सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने ‘स्मार्ट सिटी’ सम्मेलन में कहा कि कम लागत वाले घर बेहद अहम हैं। सबसे बड़ी बाधा यह है कि हमारे देश में सिर्फ एक फीसदी लोग ऐसे हैं जो 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले घर खरीद सकते हैं।
अगर हम 5 लाख रुपये से कम लागत वाले घर उपलब्ध कराते हैं तो 30 फीसदी लोग इसे खरीद सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्मार्ट शहर बनाने के अलावा गरीब से गरीब व्यक्ति को सस्ते घर मुहैया कराना नरेंद्र मोदी सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है। इसको लेकर नागपुर में 70 फीसदी फ्लाई ऐश (राख) का इस्तेमाल करते हुए स्टील की सरंचना पर घर बनाने के लिए एक प्रयोग किया गया है। इसका उद्घाटन 20 फरवरी को किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिल्डिंग को बनाने की लागत 1,000 रुपये प्रति वर्गफीट आ रही है। हम 5 लाख रुपये में 450 वर्गफिट का घर मुहैया करा सकेंगे। हम इन घरों में फ्लाई ऐश से बने बेड सहित फर्नीचर के अलावा सोलर सिस्टम भी लगा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि घर खरीदने वालों को 1.5 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस तरह से घर की लागत 3.5 लाख रुपये पड़ेगी और कर्ज 7 से 7.5 फीसदी की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। यहां तक कि एक गरीब व्यक्ति भी इसे खरीद सकेगा।
उन्होंने कहा कि देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों में से 10 पर स्मार्ट शहर विकसित किए जाएंगे। कोलकाता और मुंबई को छोड़कर हमारे 10 बंदरगाहों पर स्मार्ट शहर विकसित किए जाएंगे। उन्होंने निवेशकों से सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत स्मार्ट शहर स्थापित करने के लिए आगे आने की अपील की। इसके लिए केंद्र सरकार पारदर्शी तरीके से मंजूरी देने के साथ भूमि देने के लिए तैयार है।
भारत में कांदला, मुंबई, जेएनपीटी, मोर्मुगाओ, न्यूमंगलोर, कोचीन, चेन्नई, एन्नारो, वीओ चिदबंरनार, विशाखापत्तनम, पारादीप और कोलकाता सहित 12 प्रमुख बंदरगाह हैं। यह बंदरगाह देश के कुल कार्गों ट्रैफिक का लगभग 61 फीसदी हैंडल करते हैं।