उत्तराखंडराज्य

‘मौत’ के पांच घंटे बाद ज‌िंदा हुई, बच्चा जन्मा और फ‌िर रूक गई सांसे

पत‌ि-पत्नी की अर्थी सज चुकी थी। इतने में अर्थी से ही मह‌िला की सांसे चलने लगी। उसे आनन फान में अस्पताल ले जाया गया। लेक‌िन इसके बाद वहां जो कुछ भी हुआ उस पर आपको यकीन नहीं होगा।
मौत के मुहाने से अचानक वापस आने के चंद घंटों बाद ज्वालापुर निवासी महिला आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। देहरादून के एक अस्पताल में उसने मृत बच्चे को जन्म द‌िया।

लेक‌िन इसके बार फ‌िर उसकी मौत हो गई। ज्वालापुर में पहले बच्चे और बाद में मां को सुपुर्दे खाक किया गया। इस दौरान आस पास के इलाके में मातम छाया रहा। 

सदमें में हुई पत‌ि की मौत

ज्वालापुर निवासी शाहना को हफ्ते भर पहले देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों के मुताबिक बृहस्पतिवार की रात डॉक्टरों ने उसे जवाब देते हुए घर ले जाने की सलाह दी थी।

पत्नी के न बच पाने का सदमा शाहना का पति नानू सहन नहीं कर पाया था और अस्पताल के बाहर सड़क पर उसकी अचानक मौत हो गई थी। संदिग्ध हालात में मौत को देखते हुए पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया था।

शव को पोस्टमार्टम से बचाने के लिए परिजनों को डीएम की अनुमति लेने में तमाम जद्दोजहद करनी पड़ी। परिजनों का कहना है कि शुक्रवार की सुबह पत्नी शाहना को भी अस्पताल की तरफ से मृत बता दिया गया था।

बच्चे की गर्भ में ही हो चुकी थी मौत

डीएम की अनुमति मिलने के बाद बिना पोस्टमार्टम ही पति का शव और पत्नी को मृत मानते हुए शुक्रवार रात ज्वालापुर लाया गया था। मगर घर पहुंचने पर शाहना को सांस आने से अजीब स्थिति पैदा हो गई थी।

पति नानू पीरजी को रात में सुपुर्दे खाक करने के साथ ही शाहना को पहले जिला अस्पताल और फिर देहरादून रेफर कर दिया गया। जहां शनिवार की सुबह उसने एक बच्चे को जन्म दिया। डॉक्टरों के मुताबिक बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी।       

नाजुक हालत से गुजर रही शाहना की भी कुछ घंटे बाद अस्पताल में मौत हो गई। शनिवार की दोपहर मां और नवजात बच्चे का शव घर लाया गया तो कोहराम मच गया।

दोपहर के समय ही बच्चे को दफना दिया गया। शाम के समय असर की नमाज के बाद करीब 40 वर्षीय शाहना को भी सुपुर्दे खाक कर दिया गया। ज्वालापुर सहित आस पास के देहात तक में पति पत्नी की मौत को लेकर तमाम तरह की चर्चाएं होती रही।      

 
 

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