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यमन में फंसे 358 भारतीय वायुसेना के विमान से भारत पहुंचे

yamanमुंबई : संकटग्रस्त यमन में भारतीय नागरिकों को बचाने के लिए चलाए गए सरकार के पहले बड़े अभियान के तहत 190 भारतीय नागरिकों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विमान आज तड़के यहां पहुंचा। बचाए गए लोगों में नर्सें और मजदूर तथा अन्य लोग शामिल हैं। ये लोग भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से यहां पहुंचे और इसके साथ ही सप्ताहभर से चला आ रहा उनका संकट समाप्त हो गया। भारतीय वायुसेना का सी 17 ग्लोबमास्टर विमान भारतीय नागरिकों को लेकर तड़के करीब सवा तीन बजे शहर के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। बचाव अभियान के तहत यह दूसरी उड़ान थी। इससे पूर्व आधी रात के बाद दो बजे भारतीय वायुसेना का विमान यमन से 168 भारतीय नागरिकों को लेकर कोच्चि में उतरा था। रक्षा सूत्रों ने बताया कि बचाए गए लोगों से संबंधित कागजी कार्रवाई लंबित होने के कारण मुंबई आने वाला विमान जिबूती से समय पर उड़ान नहीं भर सका था। सूत्रों ने बताया कि कई लोगों के पास उनके पासपोर्ट तक नहीं थे इसलिए उड़ान में देरी हुई। महाराष्ट्र के पर्यटन और विधायी मामलों के मंत्री प्रकाश मेहता तथा सांसद किरीट सोमैय्या हवाई अड्डे पर लोगों की अगवानी करने के लिए मौजूद थे। ये लोग उन 350 भारतीयों में शामिल थे, जो यमन के बंदरगाह शहर अदन से नौसेना के एक पोत द्वारा बचाए जाने के बाद जिबूती पहुंचे थे।
इस बीच, केंद्रीय रेलवे ने इन लोगों को उनके गृह नगरों तक पहुंचने के लिए मुफ्त यात्रा सुविधा प्रदान करने की पेशकश की है। विमान के सह पायलट विंग कमांडर विक्रम एबी ने बताया कि बचाव अभियान बेहद मुश्किल था क्योंकि भारतीय वायुसेना के पास विस्तृत ब्यौरा उपलब्ध नहीं था। एबी ने बताया कि विमान के चालक दल को बचाव अभियान के बारे में 30 मार्च को बताया गया और विमान ने कल भारत से उड़ान भरी थी। बचायी गयी एक महिला मैरी एम्मा वर्गीज ने बताया कि वह पिछले दो साल से अदन के एक अस्पताल में नर्स के तौर पर कार्यरत थी और एक दिन अचानक भारी धमाके की आवाज सुनी और इसके बाद मैंने काम पर जाना बंद कर दिया। उसने बताया कि सभी दुकानें बंद हो गयीं और कई दिनों तक हमारे पास खाना भी नहीं था।

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