यहाँ शराब पीने के मामले में पुरुषों को टक्कर दे रही हैं महिलाएं
शराब उद्योग के लिए महिलाएं महत्वपूर्ण ग्राहक वर्ग में शामिल हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाएं शराब पर कुछ ज्यादा रकम खर्च करती हैं. यह कहना है भारत की पहली और एकमात्र मास्टर ऑफ वाइन (एमडब्लू) सोनल हॉलैंड का. उनकी यह उपलब्धि 30 देशों में 370 मास्टर्स के साथ शराब की दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित खिताबों में से है. Read This – रामदेव पर लिखी गई किताब पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाया बैन उन्होंने कहा, ‘मैंने जो देखा है वो यह है कि शराब उद्योग के लिए महिलाएं तेजी से उभरती हुई मार्केट सेगमेंट हैं. सफल नेतृत्वकर्ता के रूप में लैंगिंक (जेंडर) बाधाओं को तोड़ती हुई, महिलाएं अपने वैश्विक (ग्लोबल) सहकर्मियों की तरह व्यापक जीवनशैली विकल्पों को तेजी से अपना रही हैं.
मुंबई की रहने वाली हॉलैंड ने शनिवार रात इंडिया वाइन इनसाइडर 2018 की रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, ‘वो (महिलाएं) शराब को एक क्लासिक, सशक्त, स्वस्थ पेय के रूप में देखती हैं और अपने परिवार के सदस्यों या समाज की मौजूदगी में शराब पीते समय कम सांस्कृतिक अवरोधों का अनुभव कर रही हैं. महिलाएं भी अब पुरुषों जैसे ही किसी भी मौके के लिए शराब खरीद रही हैं. और वो भी पुरुषों की तुलना में मामूली रूप से अधिक रकम खर्च कर.
लंदन स्थित वाइन इंटेलीजेंस के सहयोग से तैयार की गई हॉलैंड की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘भारत में शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों के बराबरी पर आ रही है. उनमें इसका सेवन करने, बोतल पर खर्च करने की प्रवृत्ति और शराब पीने के प्रति नजरिया, भारत में महिलाओं के शराब की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है.’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के अनुसार, भारत में प्रति व्यक्ति शराब की खपत 2005 में 2.4 लीटर से बढ़कर 2016 में 5.7 लीटर हो गई है. इसमें 4.3 लीटर पुरुष खपत करते हैं जबकि महिलाओं का इसमें हिस्सा 1.5 लीटर है. हॉलैंड ने कहा, ‘शराब महिलाओं और पुरुषों के साथ-साथ युवाओं और बुजुर्गों में लोकप्रिय है. लोग घरों में या रेस्तरां में शराब पीते हैं, कई अवसरों पर पीते हैं. उनके पास शराब पीने के अनोखे वजह होते हैं, जो बताता है कि उनके लिए यह आधुनिकता की पहचान है. लेकिन व्हिस्की की खपत की तुलना में, भारत में शराब को अभी लंबा सफर तय करना है.’