यहां तो रोज पानी में प्रकट होते हैं भगवान
दस्तक टाइम्स एजेंसी/आगरा। आपने कभी सुना है पानी पर तस्वीर की कला के बारे में आज हम आपको इस कला और इससे जुड़े ऐसे ही अनाम कलाकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पानी पर तस्वीर बनाने में सिद्ध हैं। ब्रज छेत्र में आज भी राधा और कृष्ण के पुजारी पानी पर तस्वीर से भगवान को प्रकट कर साधना करते हैं। कुछ तो ऐसे भी हैं जिन्हें राधा कृष्ण की कोई भी लीला का वर्णन सुना दो तो वो आपकी बात खत्म होने से पहले ही आपके शब्दों को मन में उतार कर उसका सजीव चित्रण पानी पर तस्वीर उतार कर दे देंगे।
पानी पर तस्वीर की विरासत राधा ने सौंपी
ब्रज क्षेत्र की एक अनूठी प्रेम लीला है सांझी कला जिसको आज मात्र 4 या 5 लोग ही जानते हैं और वो भी सिर्फ ब्रज में। कहते हैं की राधा को बुलाने के लिए कृष्ण बंसी बजाते थे और जब कृष्ण गाय चरा कर वापस आते थे तो राधा उनको अपना प्यार जताने के लिए पानी में उनकी तस्वीर बनाती थी और ज्यो ही कृष्ण पानी में अपनी तस्वीर देखते थे वो तस्वीर खत्म हो जाती थी। राधा के इस प्यार को सांझी कला के नाम से जाना जाता है। आज भी ब्रज में मन्दिरो में सांझी बनवाई जाती है। पूरे विश्व में सिर्फ ब्रज में पानी पर तस्वीर बनाने की यह कला देखने को मिलती है। वर्तमान में पूरे विश्व में सिर्फ दो चार लोग ही इस कला को जानते हैं।
बृन्दावन के दो ऐसे ही कृष्ण भक्त हैं सुमित और युदूनन्दन। सुमित गोस्वामी सांझी कला के जबरदस्त ज्ञाता हैं और यदुनन्दन भाव सुन कर चित्रकला के। सुमित के अनुसार सांझी के दो मतलब हैं एक साथ रहने वाली और दूसरी सन्ध्या के समय की। राधा के प्यार की निशानी यह कला अब लुप्त हो रही है। इस को बनाने के लिए टाइट कपड़े पहनने होते हैं मन एकाग्र रखना पड़ता है और तनिक भी हवा न हो ऐसे स्थान पर काम करना होता है। सूखे रंगों को पानी की साथ पर रखकर चित्र बनाने को सांझी कहते हैं। यह एक साधना है और राधे कृष्ण की पूजा के लिए इस्तेमाल होती है। पानी पर तस्वीर बनाने के बाद उसकी मंगला आरती होती है और उसके बाद तस्वीर खत्म कर दी जाती है।
सुमित के अनुसार कृष्ण की सखियो में चित्रलेखा भी थी जो कृष्ण के मुख से कुछ भी सुनकर उसे चित्र की शक्ल दे देती थी वो भी उसी भाव से चित्र बनाते है। आदिकाल से यह कला चली आ रही है और बिना कृष्ण प्रेम के कोई भी चित्रकार भाव को महसूस कर चित्र की शक्ल नही दे सकता है। हमारी इस कला को पछुवा कहते हैं। यह मन्दिरो में मूर्ति के पीछे की जगह पर बनाई जाती है।
विलक्षण प्रतिभा के धनी ये कृष्ण भक्त आगरा के कला प्रदर्शनी में भाग लेने आये थे। प्रदर्शनी में सांझी और पछुवा कला का बेमिसाल प्रदर्शन करने पर दोनों को सम्मानित किया गया। सुमित द्वारा पानी के ऊपर कृष्ण और ताज की कृति और पानी के अंदर कान्हा की तस्वीर देखकर हर कोई वाह वाह करता नजर आया।