युवाओं के लिए बुरी खबर: खत्म होंगी देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक की 25 फीसदी नौकरियां!
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अगले 5 साल तक रिटायर हो रहे कर्मचारियों के स्थान पर केवल 75 फीसदी नये कर्मियों की नियुक्तियों का फैसला किया है.इसका मतलब यह हुआ कि बैंक में 25 फीसदी नौकरियां कम हो जाएंगी. वित्त वर्ष 2018 की शुरुआत में बैंक ने रिटायर हो रहे 12,000 लोगों की जगह केवल 10,000 लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की.इस कटौती की वजह प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) की बढ़ती पैठ बताई जा रही है.
देश में बेरोजगारी का मिल रहा बैंक को फायदा
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बैंक के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि देश में रोजगार की स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण उसे विभिन्न पदों के लिए सबसे अच्छे उम्मीदवार मिल जा रहे हैं. इसके मुताबिक रेलवे की तरह ही भारतीय स्टेट बैंक को पिछले दो साल में लिपिक के 8,000 पदों के लिए 28 लाख लोगों के आवेदन मिले. लिपिक के तौर पर सर्विस से जु़ड़े करीब 80 फीसदी उम्मीदवार या तो एमबीए हैं या फिर इंजीनियरिंग का स्किल है.
बैंक के उप प्रबंध निदेशक और कॉरपोरेट विकास अधिकारी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए बहुत अच्छा है. लिपिक के स्तर पर हमें अच्छे लोग मिल रहे हैं, जो टेक्नोलॉजी और अन्य चीजों से अच्छी तरह अवगत हैं.’’ उन्होंने आगे कहा कि इन लोगों के करियर में प्रगति भी तेजी से हो रही है. लिपिक के रूप में सेवा से जुड़ने के बाद उनमें से अधिकतर अधिकारी के रूप में प्रोन्नति के लिए आंतरिक परीक्षाओं में शामिल होंगे.’’ बता दें कि पिछले साल रेलवे ने 90,000 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया था, इसके लिए उसे 2.3 करोड़ लोगों के आवेदन मिले थे.
दुनियाभर में बैंक तकनीकी विकास को देखते हुए अपनी कार्यशैली में बदलाव कर रहे हैं. ब्रिटेन के प्रमुख एचएसबीसी ने देश में अपने नेटवर्क को आधा करने का फैसला किया हैं. इसके अलावा स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने भी ऑटोमेशन को दखते हुए अपनी 200 शाखाओं को बंद कर दिया है.