यूपी-उत्तराखंड में जीत के बाद गंगा मैया की सुध, 19 अरब की योजनाओं को मंजूरी
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में भगवा सुनामी के बाद केंद्र सरकार ने गंगा मैया की सुध ली है. सरकार ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट को अब पूरी रफ्तार देने के लिए कदम उठाया है| नमामि गंगे की 20 योजनाओं को लगे हाथ मंजूरी दे दी गई है| इन योजनाओं पर 19 अरब रुपये की लागत आएगी| दावा है कि इन योजनाओं का असर जमीन के साथ नदियों के पानी पर भी दिखेगा, यानी खास कर गंगा, यमुना और अलकनंदा में इसका असर दिखाई देगा|
पांच हजार रुपये के अतिरिक्त बजट वाली योजनाएं अब तक सुस्त रफ्तार से चल रही थीं| वहीं नमामि गंगे की 20 योजनाओं पर 19 अरब रुपये की रकम 2021 तक खर्च किए जाने का अनुमान है| अब तक एनडीए सरकार के करीब पौने तीन साल के कार्यकाल में गंगा और नदियों की सफाई को लेकर जो काम हुए हैं वो कागजी और सर्वे से जुड़े हैं| अब सरकार का जोर इस पर है कि गंगा यमुना और अन्य नदियों में सफाई का काम लोगों को नजर भी आए| ताकि 2019 में इसी को आधार बनाकर वोट जुटाए जा सकें|
केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन मंत्री उमा भारती के मुताबिक नमामि गंगे के तहत मंजूर की गई 20 परियोजनाओं मे से 13 का फोकस तो उत्तराखंड ही है| 415 करोड़ रुपये की 13 परियोजनाएं उत्तराखंड में ही होंगी| इनमें भागीरथी, गंगा और अलकनंदा के आसपास जोशीमठ, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग और कीर्तीनगर में 78 करोड़ रुपये की लागत से नये सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना जल्दी ही अमल में आती दिखेगी. इन तमाम परियोजनाओं का सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है|
उमा भारती का कहना है कि गंगा यमुना और अलकनंदा के किनारों पर छोटे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के अलावा जल जीवों की ब्रीडिंग के सेंटर बनाए जाएंगे| साथ ही जैविक खेती और नदी तटों को ज्यादा औषधियुक्त हरा भरा बनाने जैसी परियोजनाओं पर काम होगा| पहाड़ों के अलावा मैदानी इलाकों के लिए भी परियोजनाओं पर साथ-साथ काम चलेगा. दिल्ली के लिए 665 करोड़ रुपये की लागत से 564 मीट्रिक लीटर प्रतिदिन सीवर का पानी ट्रीट करने वाला नया संयंत्र लगाया जाएगा|ओखला में लगनेवाला ये नया प्लांट पुराने प्लांट की जगह ले लेगा. नया प्लांट पुराने से लगभग दो गुना ज्यादा पानी साफ करेगा. इसके अलावा पीतमपुरा और कोंडली में भी 100 करोड़ रुपये की लागत से नई सीवर लाइन डाली जाएगी|
दिल्ली से आगे गंगा के रास्ते में पटना और झारखंड के राजमहल में भी 335 करोड़ रुपये की लागत से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे| इस सबके बीच प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र कैसे पीछे रहेगा| वाराणसी में भी 151 करोड़ रुपये की योजनाएं मंजूर की गई हैं| इनमें घाटों पर गंगाजल प्रवाह के अलावा एसटीपी लगाने जैसी परियोजनाएं भी शामिल हैं| यहां गंगा की सतह को साफ करने वाली और मशीनें लगाने की योजना है|