यूपी में उद्योग धंधे के लिए संसाधनों की कमी नहीं
-सीआईआई के प्रतिनिधिमंडल ने की राज्यपाल से मुलाकात
लखनऊ। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा है कि राज्य में उद्योग धंधे स्थापित करने के लिए संसाधनों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उद्योग की प्रचुर संभावनायें हैं। प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है तथा राज्य को केन्द्र से आवश्यकतानुसार बिजली उपलब्ध हो रही है। दुग्ध उत्पादन में प्रदेश अव्वल स्थान पर है। इस दृष्टि से दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ से अच्छी आय हो सकती है। प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ-साथ कृषि एवं कृषि आधारित उद्योग की असीम संभावनायें हैं।
भारतीय उद्योग संघ (सीआईआई) के नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को यहां श्री नाईक सेे भेंटकर राज्य में औद्योगिक विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। उत्तर भारत में सीआईआई की अध्यक्ष रूमझुम चटर्जी के नेतृत्व में नौ सदस्यीय दल ने राजभवन में श्री नाईक से मुलाकात की और प्रदेश में औद्योगिक विकास की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। औद्योगिकीकरण विकास और उसमें सहयोग करने के मद्देनजर यह प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश के दौरे पर है। इस अवसर पर श्री नाईक ने कहा कि प्रदेश में संसाधनों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि मत्स्य एवं मुर्गी पालन आदि ऐसे उद्योग हैं जिनमें कम खर्च एवं कम समय में अधिक लाभ कमाया जा सकता है। प्रदेश में मुर्गी पालन बढने से अन्य प्रदेशों से अण्डों का आयात कम हुआ है। उन्होंने कहा कि मत्स्य एवं मुर्गी पालन निवेश बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
राज्यपाल श्री नाईक ने कहा कि प्रदेश का लगभग हर जिला किसी न किसी उत्पाद के लिए जाना जाता है। जरूरत है कि इन उत्पादों में नवप्रवर्तन और तकनीक के आधार पर व्यापक सुधार किया जाये। प्रदेश में औद्योगिक विकास के साथ-साथ कृषि एवं कृषि आधारित उद्योग की असीम संभावनायें हैं। कृषि विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में सहयोग कर सकते हैं। रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उद्योग एवं विश्वविद्यालय आपस में समन्वय करके एक-दूसरे के पूरक बनें। प्रदेश के विश्वविद्यालय और कृषि विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम में ऐसे विषयों का समावेश करें जिससे बेरोजगारी दूर करके रोजगार उपलब्ध कराया जा सके। प्रतिनिधिमण्डल में सुश्री चटर्जी के साथ अतुल मेहरा, जय अग्रवाल, सचिन अग्रवाल, सीपी गुप्ता, अनीस चौधरी, किरन चोपड़ा, बाबू खान, विनीत भारद्वाज और आलोक शुक्ला थे।