लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा सुलभ कराई जायेगी। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से मत्स्य पालकों को अपने व्यवसाय में वृद्धि के लिए आसानी से ऋण सुलभ कराया जायेगा। इस संबंध में शासन द्वारा जारी परिपत्र के माध्यम से विस्तृत दिशा-निर्देश मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को दिये गये हैं। शासन द्वारा जारी पत्र में जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपनी अध्यक्षता में मत्स्य पालक निवेशों (इनपुट्स) हेतु ऋण सीमा का निर्धारण माह जून-जुलाई में कैम्प लगाकर तथा अभियान के रूप में किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्य पालकों में वितरित कराये जाएं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रथम चरण में जनपदवार 10753 लाभार्थियों को मत्स्य पालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने का तहसीलवार लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में विगत वर्ष 75112 व्यक्ति को ग्राम सभा के तालाब पट्टे पर प्राप्त कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों से कहा गया है कि वे जिला स्तर एवं मण्डल स्तर पर गठित बैंकर्स समन्वय समिति की बैठकों में मत्स्य पालन के लिए जारी किसान क्रेडिट कार्ड की प्रगति की समीक्षा भी करें। इसके साथ ही इस अभियान को सफल बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही भी सुनिश्चित करें। मत्स्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में मुख्यतया ग्राम सभा के तालाबों के पट्टा धारकों द्वारा तथा निजी भूमि पर तालाब निर्माण कर मत्स्य पालन किया जा रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक एवं भारत सरकार द्वारा इस संबंध में ग्राम सभा के तालाबों के पट्टा धारक, निजी भूमि पर तालाब निर्माण कराने वाले व्यक्ति, निजी क्षेत्र में मत्स्य बीज उत्पादन करने वाले हैचरियों के स्वामी तथा मत्स्य बीज रियरिंग इकाईयों के स्वामी को किसान क्रेडिट कार्ड हेतु लाभार्थी के रूप में चिन्हित किया जा चुका है।