अजब-गजब

ये अरबपत‍ि ज‍िस रंग की पहनता है पगड़ी, उस कलर की खरीद लेता है लग्जरी कार

एक पगड़ीधारी लंदन के बिजनेसमैन ने 50 करोड़ खर्च कर 6 रॉल्स रॉयस कारें खरीदीं तो उनक सम्मान में रॉल्स रॉयस के सीईओ टॉटर्स्टन खुद रूबेन को इन लग्जरी कारों की डिलीवरी देने पहुंचे. उनके पास अब 20 रॉल्स रॉयस कारें हो चुकी हैं. अपने पक्के ग्राहक का सम्मान करने के लिए रॉल्स रॉयस के सीईओ ने ये कदम उठाया.

ऐसा अनोखा काम क‍िया है लंदन के एक स‍िख बिजनेसमैन रूबेन सिंह ने. वे अभी तक अपने पगड़ी के रंग की 20 से ज्यादा महंगी कार खरीद चुके हैं. उनकी कलेक्शन में फैंटम, कलिनन व अन्य कारें शामिल हैं. अंग्रेज रॉल्स रॉयस को राजशाही सवारी मानते हैं और रूबेन सिंह ने इन कारों को खरीदकर बता दिया कि पगड़ीधारी किसी से कम नहीं हैं.

रुबेन सिंह इन दिनों वो सोशल मीडिया पर इसीलिए छाए हुए हैं क्योंकि उन्होंने एक, दो नहीं बल्कि अलग-अलग रंग की 6 रॉल्स रॉयस और 14 लग्जरी कार खरीदी हैं. दरअसल, इसके पीछे एक बेहद दिलचस्प कहानी है. वह यह कि ये सभी कारें रुबेन सिंह ने शौक के लिए नहीं, बल्कि एक अंग्रेज को सबक सिखाने के लिए खरीदी हैं.

बता दें कि 90 के दशक में रुबेन स‍िंह का इंग्लैंड में कपड़ों का बड़ा बिजनेस था जिसे उन्होंने केवल 17 साल की उम्र में शुरू किया था. उस दौर में उनका ब्रांड ब्रिटेन के सबसे मशहूर ब्रांड्स में से एक था. सब कुछ सही चल रहा था कि 2007 में उन्हें बड़ा घाटा हुआ. जिस कारण उन्हें अपना कपड़ों का बिजनेस न चाहते हुए बंद करना पड़ा.
इसी दौर में उनकी पगड़ी का मजाक एक ब्रिटिश बिजनेसमैन ने उड़ाया. उसने कहा कि तुम केवल रंग-बिरंगी पगड़ियां पहन सकते हो. अंग्रेज की यह बात रुबेन के दिल में घर कर गई और उन्होंने अपने बिजनेस को फिर खड़ा करने की ठानी.

उन्होंने ब्रिटिश बिजनेसमैन को यह भी चैलेंज किया क‍ि मैं जितने रंग की पगड़ियां पहनता हूं उतने रंग की रॉल्स रॉयस खरीदूंगा. फ‍िर उन्होंने अपनी बात सही साब‍ित करने के ल‍िए वाकई में ये कमाल कर द‍ि‍या.

आखिरकार रुबेन सिंह ने अपने बिजनेस को फिर खड़ा किया और एक नहीं बल्कि 6 रॉल्स रॉयस कार खरीदी जो उनके पगड़ी के रंग की हैं. इसके अलावा उन्होंने कई लग्जरी कारों की घर में लाइन लगा दी.

आज रुबेन ऑलडेपा कंपनी के सीईओ हैं. उनका कारोबार कई देशों में फैला है. उन्हें ब्रिटिश बिल गेट्स के नाम से भी जाना जाता है. यही नहीं, ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर ने उन्हें गवर्नमेंट एडवाइजरी कमिटी का सदस्य भी बनाया था.

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