ये हवन करने से पैसों की नहीं रहेगी कोई कमी
अगर किसी जातक की जन्म कुंडली में बैठे ग्रह अनिष्ट प्रभाव दे रहे हों तो विधिपूर्वक हवन करते रहने से जल्दी ही ग्रहों के शुभ प्रभाव मिलने लगते हैं। पीड़ा देने वाले ग्रह से संबंधित वार को ग्यारह या इक्कीस व्रत रखकर हवन करके पूर्णाहुति देने से रोग, शोक, कष्ट और बाधाओं का निवारण होता है।
हवन में प्रयोग होने वाली सामग्री में बूरा, बतासे, सूखा गोला, सूखे मेवे, मिष्ठान घी आदि मिलाकर अग्नि में आहुति देने से अग्नि एवं सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं। हवन पूरा होने के बाद श्रद्धानुसार पात्र व्यक्तियों को धन, अन्न, फल, वस्त्र, जीवनोपयोगी वस्तुएं दान करने से ग्रह शांति होती है।
वहीँ हवन के समय तांबे के पात्र के जल का आचमन करने से हमारी इंद्रियां सक्रिय हो जाती हैं तथा शरीर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होने से मन प्रसन्न होता है। वास्तु दोषों से मुक्ति भवन निर्माण के समय रह गए दृश्य और अदृश्य वास्तु दोषों को दूर करने के लिए सबसे आसान तरीका हवन करना ही है।