ये हैं बॉलीवुड की पहली ड्रीम गर्ल, जिनके 4 मिनट के लंबे किसिंग सीन से बॉलीवुड में मचा दिया था तहलका
भारतीय सिनेमा में जब भी ड्रीम गर्ल का नाम लिया जाता है तो लोगों के जेहन में हेमा मालिनी का ही चेहरा आता है। लेकिन शायद ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि हेमा मालिनी से भी पहली एक अदाकारा रहीं, जिन्हें लोगों ने ड्रीम गर्ल का खिताब दिया था। जी हां, भारतीय सिनेमा ने हमें बहुत सी ऐसी अभिनेत्रियां दी हैं, जिन्होंने अपनी दिलकश अदाओं से लोगों का दिल जीत लिया और आज भी हम उन्हें याद करते हैं। लेकिन भारतीय सिनेमा जगत की पहली ड्रीम गर्ल को शायद ही आज कोई याद करता हो। हम बात कर रहे हैं अभिनेत्री देविका रानी की।
देविका रानी का जन्म 30 मार्च 1908 को विशाखापट्टनम में हुआ था। देविका रानी के परिवार का संबंध प्रसिद्ध कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के परिवार से था। देविका रानी 9 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चली गईं। पढ़ाई करने के बाद जब देविका भारत लौंटी तो उनकी मुलाकात उस वक्त के फेमस फिल्म निर्माता हिमांशु राय से हुई। हिमांशु राय देविका की सुंदरता को देखते ही उनपर मुग्ध हो गए, जिसके बाद उन्होंने देविका रानी को अपनी फिल्म ‘कर्म’ में काम करने का ऑफर दिया। देविका रानी ने भी इस फिल्म के लिए हां कर दिया । इस फिल्म में हिमांशु राय ने बतौर अभिनेता काम किया और देविका को अपनी हिरोइन बनाया।
जिस दौर में देविका ने फिल्मों में काम करने का फैसला किया था, उस दौर में महिलाओं का घर से निकलना भी अच्छा नहीं समझा जाता था। यही नहीं ये फिल्मी दुनिया का वो दौर था , जब मूक फिल्मों के बाद धीरे- धीरे कलाकार पर्दे पर बोलते नजर आ रहे थे। वहीं फिल्म में देविका की फर्राटेदार अंग्रेजी ने भी सबका मन मोह लिया। उस वक्त की बोलती फिल्मों में देविका रानी को नाम सबसे श्रेष्ठ नायिकाओं में लिया जाने लगा। ये नहीं आपको बता दें कि इस फिल्म में देविका ने किसिंग सीन भी दिए थे, जी हां वो भी पूरे 4 मिनट का, जो 82 साल बाद भी हिंदी सिनेमा में एक रिकॉर्ड है। । भारतीय सिनेमा के उस दौर में जहां दो प्रेमियों के मिलने को सिर्फ दो फूलों को मिलाकर ही दिखा दिया जाता था, उस वक्त देविका के किसिंग सीन की खूब आलोचना भी हुई थी। इस तरह देविका रानी पहली किसिंग सीन देने वाली अभिनेत्री बन गईं।
देविका रानी ने साल 1929 में हिमांशु राय से शादी कर ली। इसके बाद देविका ने अछूत कन्या, सावित्री, निर्मला जैसी फिल्मों में भी काम किया। देविका ने पति हिमांशु राय के साथ मिलकर बॉम्बे टॉकीज नाम का स्टूडियो बनाया, जिसके बैनर तले कई सुपर हिट फिल्में आईं। अशोक कुमार, दिलीप कुमार, मधुबाला और राज कपूर जैसे सितारों का करियर उनके हाथों परवान चढ़ा। दिलीप कुमार को फिल्म इंडस्ट्री में लाने का श्रेय देविका को ही दिया जाता है।
1940 में हिमांशु रायने दुनिया को अलविदा कह दिया। जिसके बाद देविका रानी ने रूसी पेंटर स्वेतोस्लाव रोएरिच से दूसरी शादी कर ली । 1970 में दादा साहब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत हुई। यह भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा अवॉर्ड है। इसकी पहली विजेता देविका रानी बनीं। इसके अलावा देविका रानी फिल्म इंडस्ट्री की प्रथम महिला बनीं जिन्हें पद्मश्री से नवाजा गया। जबकि उन्होंने 9 मार्च 1994 को इस दुनिया को छोड़ दिया।