योग की पहचान किसी धर्म से जोड़कर नहीं की जा सकती : राजनाथ सिंह
नई दिल्ली: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि योग की पहचान किसी धर्म के साथ जोड़कर नहीं की जा सकती और जो लोग इस तरह की सोच रखते हैं, उनमें सत्यनिष्ठा, समन्वय और संतुलन की कमी है।
योग की वैश्विक अपील का समर्थन मुस्लिम देशों ने भी किया
मंत्री ने कहा कि योग की एक वैश्विक अपील है और 66 मुस्लिम देशों सहित 170 से अधिक देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। सिंह ने कहा, ‘ कभी-कभी लोग योग के बारे में चर्चा करते समय कहते हैं कि यह एक धर्म से जुड़ा है। यह कैसे हो सकता है? दुनिया की सबसे बड़ी महासभा- संयुक्त राष्ट्र महासभा में ईसाई, यहूदी और पारसी देशों के अलावा 66 मुस्लिम देशों ने इसका समर्थन किया।’ संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में यह पहली बार है कि एक प्रस्ताव को इस तरह का व्यापक समर्थन मिला है।
द्वितीय अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव के समापन समारोह में गृह मंत्री ने कहा कि यह सफलता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण की बदौलत है।
योग दिवस का आयोजन 21 जून को चंडीगढ़ में
उन्होंने कहा कि योग सभी धर्मों से परे है। योग के अभ्यास से शरीर, चेतना और आत्मा के बीच सामंजस्य, संतुलन और एकात्मकता हासिल करने में मदद मिलती है। ‘ इसकी केवल सांस्कृतिक पहचान है न कि धार्मिक। जो लोग ऐसा सोचते हैं, उनमें समन्वय, संतुलन और एकात्मकता की कमी है।’ इस साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून को चंडीगढ़ में किया जाएगा। सरकार की योजना पिछले साल के मुकाबले और बड़ा कार्यक्रम करने की है।