योग को किसी जाति, धर्म से जोड़कर ना देखें: राजनाथ
लखनऊ: योग की शिक्षा को लेकर आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड द्वारा कड़ी आपत्ति दर्ज कराए जाने के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक योग को किसी जाति, धर्म या साम्प्रदाय से जोड़कर नहीं देखना चाहिए। सिंह ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र लखनऊ के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन संवाददाताआें से बातचीत में आल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के योग की शिक्षा के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर कहा ‘‘मैं बोर्ड के रख पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता। मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि योग को किसी जाति, धर्म या साम्प्रदाय से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। योग तो शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ ने 172 देशों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी है और 21 जून को इसे मनाने की घोषणा की है। गृह मंत्री ने कहा ‘‘आगामी 21 जून को योग दिवस के मौके पर योग करना कोई मजबूरी नहीं होगी। जिसकी मर्जी हो करे, और जिसकी ना हो वह ना करे, लेकिन हमारी अपील है कि इसमें अधिक से अधिक लोगों को शामिल होना चाहिए। योग में उस दिन क्या करना है इसके लिए पुस्तिका जारी हो चुकी है।’’