वाराणसी । बीएचयू के ज्योतिषचार्यों ने जिन्होंने ज्योतिष की ओ.पी.डी. (परामर्श केंद्र ) खोली है। जहां लोग दूर-दूर से आ रहे हैं और अपनी कुंडलियों की गडऩा से हार्ट की बीमारी, कैंसर, टीवी, हड्डी, अस्थमा, नसों का रोग या जीवन में आने वाली बाधा और समस्याओं से निजात भी पा रहे हैं। सोमवार से शुक्रवार को शाम 4.00 बजे से 5.30 बजे तक परामर्श केंद्र में विद्वान बैठकर सलाह देते है। क्या कहते है ज्योतिष के जानकार-ज्योतिषों के मुताबिक इंसानों की हर समस्या और बीमारी का निजात उसके ग्रह काल और कुंडलियों के हिसाब से कर उससे बचने के उपाय ज्योतिष के माध्यम से बताये जाते थे। लेकिन युग परिवर्तन के साथ ज्योतिष की ये विधा खो सी गयी थी। बीएचयू के ज्योतिषचार्यों ने इस विधा में एक बार फिर से जान फूंकी है ज्योतिषी की ओ.पी.डी. खोलकर। उनका मानना है कि इन्सान के ऊपर आने वाली विप्पति या बीमारी उसकी चल रही ग्रहों की दशा की वजह से आती है। लेकिन ग्रहों की सही गडऩा और कुंडलियों के सही अंक ज्योतिष से आने वाले किसी भी विकट परिस्तिथि से बचा जा सकता है। यही नहीं इस ज्योतिष की विधा में कई ऐसे बिमारियों की गडऩा भी छिपी है ,जिसे अभी तक मेडिकल साइंस भी नहीं खोज पाया हैकैसे होता है फायदाज्योतिष विभाग के परामर्श केंद्र में ज्योतिष और कर्मकाण्ड से सम्बंधित समस्याओं का समाधान बताया जायेगा । प्रो. सुभाष पाण्डेय ने बताया 2500 से ऊपर लोगों को तमाम बिमारियों में परामर्श दिया जा चुका है। पेट में कब्ज ,पाइल्स ,सर में दर्द ,बाथ रोग पैरों में ,प्रेग्नेंसी ,हार्ट की बीमारी ,कैंसर ,टीवी ,हड्डी ,अस्थमा ,नसों का रोग सम्बंधित परामर्श दिया जाता है। प्रो सुभाष पाण्डेय ने बताया परामर्श में मरीज की कोई भी दवाइया बंद नहीं की जाती। बल्कि कुंडली में ग्रहों के योग के हिसाब से रत्न दिया जाता है ,ताकि दवा जल्दी शूट करे और व्याधि ठीक हो जाये। कुंडलियों पर हो चुका है रिसर्च-प्रो. विनय कुमार पाण्डेय ने 150 कुंडलियों पर रिसर्च किया है ,और जिसके परिणाम जातक पर सकारात्मक और चौकाने वाले आये है। दरसल ज्योतिष शास्त्र इन्सान में जन्म लेने वाले रोगों का कारक कर्म को माना है । इसी लिये ज्योतिष शास्त्र कुण्डलिया देख इलाज करने का दावा भी करती है। आज के एटमस्फियर में हर चौथे इन्सान को अस्थमा की शिकायत हो रही है । त्रष्ट ने बीएचयू को अस्थमा पर रिसर्च करने का प्रोजेक्ट दिया था। 6 महीने चले रिसर्च में अस्सी फीसदी लोगों को ज्योतिष के माध्यम से अस्थमा जैसे बीमारी से काफी आराम मिला । प्रो विनय कुमार पाण्डेय का मानना है की कुंडली में अगर चंद्रमा पापक ग्रह से सम्बन्ध बना कर रहेगा तो अस्थमाहोगा। यही नहीं शुक्र ,राहू,बुद्ध ग्रह भी इस बीमारी के कारक है ,जो जातक की कुंडली को प्रभावित करते है । इसी लिए रिसर्च के समय जातकों की कुंडली की गडऩा जन्म से की गयी और ग्रहों की स्थिति का पता किया गया। फिर ये देखा गया की कब तक अस्थमा का योग कुंडली में बन रहा है और रोग का स्टेज क्या है। उसके हिसाब फिर निदान का उपाय किया जाता है।